लखनऊ। आज ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग की साहित्यिक संस्था बज़्में अदब के तत्वाधान में शिक्षक दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अपने छात्रों को सम्बोधित करते हुए उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रो फखरे आलम ने कहा कि एक शिक्षक का छात्रों के जीवन में बहुत महत्व होता है क्योंकि शिक्षक न केवल अपने छात्रों के दिमाग को आकार देता है बल्कि उनके व्यक्तित्व के छिपे हुए तत्वों को उजागर और प्रकाशित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के इतिहास में जो महान व्यक्तित्व हुए है उन लोगों को महान बनाने में उनके शिक्षकों के महान प्रयास रहा है। प्रोफेसर सोबान सईद ने विभाग के छात्रों से बात करते हुए कहा कि यह एक सच्चाई है कि समकालीन युग में बदलते मूल्यों और उपभोक्तावाद के कारण समाज में\ शिक्षकों और छात्रों के बीच संबंधों में नई समस्याएं पैदा हो रही हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है और इस बहुमूल्य पूंजी को बचाना शिक्षकों और छात्रों दोनों की जिम्मेदारी है।
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इस संदर्भ में उन्होंने अपने शिक्षकों को याद किया और कहा। कि हमें अपने वरिष्ठ शिक्षकों के नक्शेकदम पर चलना चाहिए और केवल छात्रों के हित और उनके व्यक्तित्व विकास के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए। इस महत्वपूर्ण अवसर पर डॉ जमाल शब्बीर ने अपने संक्षिप्त भाषण में इसकी पृष्ठभूमि का वर्णन किया कि शिक्षक दिवस क्यों मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस वास्तव में महान दार्शनिक, विचारक, शिक्षाविद्, सुधारक और गणतंत्र के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपाल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।
उर्दू विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो शफीक अहमद अशरफी ने प्रकाश डाला कि शिक्षकों का महत्व इस लिए सब से महत्त्व है कि ये न केवल युवाओ की मानसिक,.तार्तिक और दार्शनिक निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि वे अपनी कक्षा में भारत के युवाओं का उज्ज्वल भविष्य भी लिखते हैं। इस अवसर पर विभाग के विभिन्न छात्रों ने निबंध, ग़ज़लें कविताएँ और भाषण प्रस्तुत की। इस अवसर पर बीए की छात्रा बुशरा इफ्तिखार और आमना परवीन ने आज के सन्दर्भ में प्रस्तुत किया।
बीए के छात्र शाकिर अली, मुहम्मद शाहन, जाकिर हुसैन और एमए के छात्र मुहम्मद आकिब आबेदीन और अब्दुल नईम और शोध छात्रा राबिया कुरेशी ने ग़ज़लें और कविताएँ प्रस्तुत कीं। और पूर्व छात्र मोईन अशरफ ने भी शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये। इस कार्यक्रम का संचालन एमए के छात्र और विभाग की साहित्यिक संस्था “बिज़्म अदब” के महासचिव अब्दुल कादिर ने किया और शोधार्थी नादिरा परवीन ने धन्यवाद किया। इस अवसर पर उर्दू विभाग के शिक्षक डॉ अकमल शादाब, डॉ आजम अंसारी, डॉ जफरुल नकी, डॉ मनव्वर हुसैन और डॉ सिद्धार्थ सुदीप भी मौजूद थे।