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सामाजिक समरसता विभाग की ओर से समरसता सम्मान समारोह का आयोजन

लखनऊ. सामाजिक समरसता विभाग लखनऊ पश्चिम द्वारा सोमवार को ठाकुरगंज स्थित परशुराम मंदिर में समरसता सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सामाजिक समरसता विभाग के क्षेत्रीय संयोजक दिलीप कुमार और सामाजिक समरसता विभाग के प्रान्तीय संयोजक राज किशोर ने दीप प्रज्जवलन कर किया। इस अवसर पर स्वच्छता प्रहरियों का सम्मान किया गया और 400 राशन किट का वितरण किया गया।

सामाजिक समरसता विभाग की ओर से समरसता सम्मान समारोह का आयोजन

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामाजिक समरसता विभाग के क्षेत्रीय संयोजक दिलीप कुमार ने कहा कि हमारे शास्त्रों में ऋषि—मुनियों व महापुरूषों ने अपने जीवन में कभी भेदभाव को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि समरसता से ही समाज सुदृढ़ होता है और उसी से देश मजबूत होता है।इसलिए पूरा हिन्दू समाज एक साथ खड़ा हो। हम सब एक ही वसुधा के पुत्र हैं। जाति को लेकर जो बाहर से भेद दिखता है सबके काम अलग होंगे लेकिन सबके अंदर एक ही ईश्वर का वास है।

भेदभाव हमारे समाज में कैंसर के समान है। बाहर से जाति भाषा प्रांत का भेद जो दिखता है बाहर का सौन्दर्य है। मुगलों के शासनकाल में समाज में भेदभाव का निर्माण हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक बाला साहब देवरस ने कहा था कि ”यदि छुआछूत पाप नहीं तो दुनिया में कुछ भी पाप नहीं” है। सामाजिक समरसता विभाग के प्रान्तीय संयोजक राज किशोर ने कहा कि समरस हिन्दू समाज आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। आज जैसी देश की दिशा और दशा है सामाजिक समरसता विभाग की गतिविधि की महत्ता और बढ़ गयी है।
उन्होंने कहा कि समाज को स्वच्छ और स्वस्थ बनाये रखने में स्वच्छताकर्मियों का बहुत बड़ा योगदान है। अगर समाज पर अगर संकट आता है तो सबसे पहले यही समाज आगे आकर खड़ा होता है। यह वह समाज है जो हिन्दू मानबिन्दुओं की रक्षा के लिए हमेशा आगे आया और अपमान सहा लेकिन अपना धर्म नहीं छोड़ा। सभी हिन्दू सहोदर भाई हैं। इसलिए हमको सम्पूर्ण हिन्दू समाज की चिंता करनी है। कार्यक्रम स्थल पर ”तजै विषमता एक बने हम, कोटि हिंदू भारत संतान! सामाजिक समरसता से हो,हिंदू राष्ट्र का नव निर्माण! गीत गुंजायमान हो रहा था।

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