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रासायनिक खादों और कीटनाशकों के प्रयोग से लोग हो रहे हैं बीमार

लखनऊ। लोकभारती के तत्वावधान में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित शून्य लागत प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर के चौथे दिन पदमश्री सुभाष पालेकर ने कृषि में फास्फेट और पोटाश की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए कहा दोनों पोषक तत्व बिना बाहर से डाले स्वत: ही गाय के गोबर और मूत्र से पौधों को मिल सकते हैं।
प्राकृतिक कृषि के जन आंदोलन के प्रणेता श्री पालेकर ने बताया कि अगर खेती डीएपी और पोटाश को अलग से डालने से होती तो अबतक सभी जंगल सूख चुके होते क्योंकि बिना डीएपी और पोटाश डाले ही जंगल हरे-भरे रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी तत्व प्रकृति में मौजूद रहते हैं बस उन्हें जागृत करने की जरूरत है, गाय के गोबर और गोमूत्र से बने जीवामृत और घनजीवामृत से यह संभव है।

समृद्ध मानव राष्ट्र का निर्माण
श्री पालेकर ने कहा रासायनिक खादों को खेतों में डालकर हम लोगों ने इन जीवाणुओं को या तो नष्ट कर दिया है या फिर वो कम होते चले गए हैं। यही कारण है कि रासायनिक खादों व कीटनाशक के प्रयोग से अनाज व फलों में विषैले तत्व बढ़ते जा रहे हैं जिससे लोग बीमार होते जा रहे हैं। इसलिए अब यह जरुरी हो गया है कि रासायनिक खादों का प्रभाव समाप्त करने के लिए जीवामृत और घनजीवामृत का उपयोग करें ताकि लोग स्वस्थ रह सकें। ऐसा करके हम स्वस्थ तन व मन से निर्मित समृद्ध मानव राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा हर व्यक्ति को चाहिए कि वह एक देसी गाय पाले जिसके गोबर और मूत्र से जीवामृत और घनजीवामृत बनाकर खेतों में डाले।
श्री पालेकर ने बताया की स्वदेशी गाय को नष्ट करने के लिए ही विदेशियों ने जर्सी गाय का प्रचार-प्रसार किया है। हम लोग सुनते हैं कि देशी गाय में तैंतीस कोटि देवता होते हैं वास्तव में यह देवता नहीं है 33 कोटि जीवाणु है जो स्वस्थ अन्य पैदा कर राष्ट्र के निर्माण में लगे लोगों को स्वस्थ रखता है।

देसी गाय पालन
श्री पालेकर ने कहा कि इस शिविर के बाद लोग देसी गाय बेचना बंद कर देंगे बल्कि उसे पालना शुरू कर देंगे जब शून्य लागत प्राकृतिक खेती से उपज बढ़ेगी इसके बाद लोग गाय बेचना बंद कर देंगे जब गाय बिकेगी नहीं तो कटेगी नहीं और कत्लखाने स्वयं बंद हो जाएंगे।
श्री पालेकर ने खरपतवार नियंत्रण पर लोगों को बताया की आच्छादन से खरपतवार पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है। आच्छादन से खरपतवार का विकास नहीं हो पाता और वह नष्ट हो जाते हैं इसके साथ ही आच्छादन नमी को बनाए रखने में मदद करता है।
प्रशिक्षण शिविर में पूर्व सांसद राम विलास वेदांती कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही लोक भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बृजेंद्र पाल सिंह अभियान समन्वयक गोपाल उपाध्याय तथा संपर्क प्रमुख कृष्ण चौधरी मौजूद थे।

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