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पीएचसी-सीएचसी की ओपीडी शुरू करने को हरी झंडी, निजी क्लीनि भी शुरू कर सकेंगे अपनी सेवाएं

औरैया। कोविड-19 यानि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अस्पतालों की स्थगित की गयीं आकस्मिक और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करने के बाद अब जनपद के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को सामान्य ओपीडी सेवाएं भी शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

प्रमुख सचिव-स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि कोरोना वायरस का संक्रमण अभी चलते रहने की सम्भावना है, इसके चलते चिकित्सा सुविधाओं को लम्बे समय तक नहीं रोका जा सकता। इसलिए प्रदेश के सभी प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और निजी क्लीनिकों में सामान्य ओपीडी से सम्बंधित स्वास्थ्य सुविधाओं को शुरू किया जाए। इस दौरान पूर्ण सावधानी और प्रोटोकाल का पालन करना अनिवार्य होगा।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अर्चना श्रीवास्तव का कहना है कि जनपद के सभी 26 प्राथमिक, 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और निजी क्लीनिकों में अब सामान्य ओपीडी सेवाएं शुरू हो जाएंगी। इसके लिए सभी को सरकार द्वारा दी गयी गाइड लाइन का पालन करना अनिवार्य होगा।

प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को इन नियमों का करना होगा पालन

• स्वास्थ्य केन्द्रों पर आने बाले व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाये साथ ही मास्क लगाना होगा अनिवार्य।
• रोगी के साथ एक ही तीमारदार आ सकता है, जुकाम , बुखार, खांसी और साँस लेने में तकलीफ वाले मरीजों के लिए अलग व्यवस्था की जाये।
• पंजीकरण करने बाले व्यक्ति द्वारा मास्क और ग्लव्ज का प्रयोग किया जाये।
• ऐसे स्वास्थ्य केंद्र जहां पर अधिक भीड़ होती है वहां एक से अधिक पंजीकरण काउंटर बनाये जाएँ साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाये।
• गैर संचारी रोगों जैसे डायबिटीज और उच्च रक्तचाप के मरीजों को एक माह की दवा दी जाये जिससे उनका अस्पताल परिसर में बार बार आना न हो।
• सभी स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क और ग्लव्ज पहनना अनिवार्य होगा और हाथ धुलने की उचित व्यवस्था की जाये।
• ओपीडी कक्ष के बाहर प्रतीक्षारत क्षेत्र में भी सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा।
निजी क्लीनिक करेंगे इन नियमों का पालन।
• एक या दो चिकित्सक युक्त निजी क्लीनिक द्वारा ही ओपीडी सेवाएं दी जाएं, साथ ही यथा संभव हो सके तो चार से पांच मरीज ही एक घंटे में देखें जाएँ, अधिक भीड़ न लगायी जाये।
• सभी निजी क्लीनिक को अपने कर्मचारियों को ग्लव्ज, मास्क उपलब्ध कराएं साथ पीपीई किट की भी उपलब्धता हो।
• चिकित्सालय में अलग से स्क्रीनिंग की व्यवस्था हो और सभी चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड 19 से संबंधित प्रोटोकाल तथा इन्फेक्शन प्रिवेंसन प्रोटोकाल का प्रशिक्षण प्राप्त हो।
• बायोमेडिकल बेस्ट के निस्तारण का उचित प्रबंध हो।

सामान्य निर्देश

स्वास्थ्य केन्द्रों और निजी क्लीनिकों में साफ सफाई का उचित प्रबंध हो और मरीजों के सहयोगी के रूप में 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, बच्चों ओर गर्भवती महिलाओं को अनुमति न दी जाये। स्वास्थ्य केन्द्रों और निजी क्लीनिकों में कोविड 19 से बचाव से सम्बंधित आई.ई.सी सामग्री प्रदर्शित की जाये।

रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर

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