लखनऊ। अर्थशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में नव प्रवेशित शोध छात्रों के (बैच 2022-23) छह माह का के कोर्स वर्क का शुभारंभ हुआ। नए प्रवेशित कोर्स वर्क के शोधकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो एमके अग्रवाल ने विभाग की विशिष्टताओं को बताते हुए सभी विद्यार्थियों का परिचय और उनकी रुचि के क्षेत्रों की जानकारी लिया।
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प्रो अग्रवाल ने कहा कि वैश्विक परिवेश में आर्थिक गतिविधियां बहुत तेजी से बदल रही है इसके कई सकारात्मक पहलू हैं। आर्थिक बदलावों ने उद्यमियों के लिए नई और रचनात्मक मौके प्रदान किए हैं। वैश्विक संगठनों, सरकारों और निवेशकों द्वारा नवाचारी विचारों की प्रोत्साहना देने से नए उद्यमों की विकास और रोजगार की सृजन की संभावनाएं बढ़ी हैं। तकनीकी प्रगति और डिजिटलीकरण आर्थिक गतिविधियों को सुगम और तेज़ बना रहे हैं। यह नये संभावित क्षेत्रों जैसे वित्तीय सेवाएं, ई-कॉमर्स, स्टार्टअप निवेश और वर्चुअल व्यापार को बढ़ावा दे रहा है। इससे आर्थिक गतिविधियों के लिए नए संभावित रुझान और समाधानों का प्रकटीकरण हुआ है।
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संकायाध्यक्ष प्रो अरविन्द अवस्थी ने विश्वविद्यालय के वातावरण से परिचय कराते हुए विद्यार्थियों को उनकी ज़िम्मेदारियों का अहसास कराया और कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और विश्वविद्यालय आप सब पर बड़ा निवेश कर रहा है आप सभी को समाजोपयोगी शोध करने की आवश्यकता है। वरिष्ठ प्रो अरविंद मोहन ने विद्यार्थियों से अपील किया कि अपने अध्ययन के दौरान ऐसे विषय को शोध के लिए चुने जिससे समाज लाभान्वित हो और उसकी उपयोगिता हो।
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कोर्स वर्क में सम्मलित शोधकर्ताओं को अर्थशास्त्र विभाग के प्रो अशोक कुमार कैथल, प्रो विनोद सिंह, प्रो रोली मिश्र ने संबोधित किया। जिसमें विभाग के सभी शिक्षक एवं नवप्रवेशित शोध छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में शोध छात्रों ने अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया।