दुनिया के कई देश युद्ध में घिरे हुए हैं। जहां रूस-यूक्रेन जंग को दो साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है, वहीं हमास और इस्राइल बीते छह महीने से लड़ाई लड़ रहे हैं। इस बीच ईरान और इस्राइल के बीच भी जंग छिड़ती दिख रही थी।
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हालांकि, अब युद्ध की संभावना कम हो गई है। इसका कारण यह है कि इस्राइल के बचाव में उसका जिगरी दोस्त अमेरिका उतर आया है। अमेरिकी सांसदों ने शनिवार को इस्राइल के लिए नई सैन्य सहायता की मंजूरी दी है।
वेस्ट बैंक में संघर्ष तेज
बताया जा रहा है कि ईरान ने इस्राइल से बदला लेने के लिए कुछ कदम पीछे ले लिए हैं। उसने ड्रोन और मिसाइल हमले में कमी कर दी है। इस कदम ने उन आशंकाओं को कम दिया है कि कट्टर दुश्मनों के बीच बढ़ते हमले मध्य पूर्व में एक जंग में बदल सकते हैं।
हालांकि, इराक में हाल ही में ईरान समर्थित सैन्य ठिकानों पांच धमाके हुए। इससे क्षेत्र में तनाव देखने को मिला। वहीं, गाजा में इस्राइल लगातार हमला कर रहा है। इससे वेस्ट बैंक में संघर्ष तेज हो गया है।
13 अरब डॉलर को मंजूरी
अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने आयरन डोम वायु रक्षा प्रणाली सहित इस्राइल की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से मदद करने का फैसला लिया। इसलिए उसने इस्राइल के लिए नई सैन्य सहायता के लिए 13 अरब डॉलर को मंजूरी दी।
नेतन्याहू ने किया सहायता का स्वागत
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सैन्य सहायता का स्वागत किया। उन्होंने एक्स पर कहा कि यह इस्राइल के लिए मजबूत द्विदलीय समर्थन प्रदर्शित करता है और पश्चिमी सभ्यता का बचाव करता है।
फलस्तीनी ने किया विरोध
हालांकि, फलस्तीनी राष्ट्रपति ने इसकी निंदा की। फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबिल अबू रुदैना ने कहा कि यह सहायता गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में हजारों मासूमों की जान लेने का कारण बनेगी।