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यूपी में अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की तैयारी हुई पूरी

लखनऊ। “बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा, प्यार व अधिकार, सरकार करेगी सपने साकार” के नारे के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग ने मसौदा तैयार कर लिया है। इस मामले में अधि‍कारियों की जिम्मेदारी तय करने के साथ ही
पात्रता से लेकर अन्य जरूरी शर्तों की रूपरेखा भी बना ली गई है।

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण,पोषण, शिक्षा, चिकित्सा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा। बताते चलें कि कोविड काल (मार्च 2020 से) में अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों के जीवन को संवारने के लिए तैयार मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के साथ ही उसे धरातल पर उतारने में महिला एवं बाल विकास विभाग पूरी मुस्तैदी से जुट गया है। इसके तहत चिन्हित बच्चों की लिस्टिंग समेत पात्रता की शर्तों और जिलों में योजना को अमलीजामा पहनाने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गयी है।

इस योजना का उद्देश्य अनाथ बच्चों को तत्काल मदद पहुंचाना और उनको गलत हाथों में जाने से बचाना है। इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण,पोषण, शिक्षा, चिकित्सा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है। उल्लेखनीय है कि पात्र बच्चे के वैध संरक्षक का चिन्हांकन जनपद स्तरीय टास्क फ़ोर्स करेगी और जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति भी इन बच्चों के समुचित विकास पर नजर रखेगी। उत्तर प्रदेश के मूल निवासी होने पर ही इस योजना का लाभ मिलेगा।इसके साथ ही एक परिवार के सभी (जैविक तथा कानूनी रूप से गोद लिए गए) बच्चों को योजना का लाभ मिल सकेगा।

पोस्ट कोविड में अभिभावक की मृत्यु होने पर भी मिलेगी सहायता

इस संबंध में महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय के अनुसार कोविड से मृत्यु के साक्ष्य के लिए एंटीजन या आरटीपीसीआर की पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट या सीटी स्कैन में कोविड-19 का इन्फेक्शन होना माना जा सकता है। इसके अलावा कोविड मरीज की विभिन्न परिस्थितियों में टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी पोस्ट कोविड जटिलताओं के चलते मृत्यु हो सकती है। यह मृत्यु भी कोविड की वजह से ही मानी जायेगी।

पात्रता की शर्तें: महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जिन बच्चों को लाभान्वित किया जाना है, उनकी श्रेणी विभाग की ओर से तय कर दी गई है। इस योजना में शून्य से 18 साल के ऐसे बच्चे शामिल किए जाएंगे जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड काल में हो गयी हो या माता-पिता में से एक की मृत्यु एक मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो गयी अथवा दोनों की मौत एक मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और वैध संरक्षक की मृत्यु कोविड काल में हो गयी। इसके अलावा शून्य से 18 साल के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड काल में हो गयी हो और वह परिवार का मुख्य कर्ता हो और वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय दो लाख रूपये प्रतिवर्ष से अधिक न हो, को भी योजना में शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए आवेदन की शर्तें

जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति द्वारा चिन्हांकन के 15 दिन के भीतर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कराई जायेगी। निर्धारित प्रारूप में पूर्ण रूप से भरकर ऑफलाइन तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम्य विकास या पंचायत अधिकारी या विकास खंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पर जमा करना होगा। शहरी क्षेत्रों में लेखपाल या तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा किये जा सकते हैं। माता-पिता, माता या पिता की मृत्यु से दो वर्ष के भीतर आवेदन तथा अनुमोदन की तिथि से लाभ अनुमन्य होगा।

जरूरी दस्तावेज: बच्चे एवं अभिभावक की नवीनतम फोटो सहित पूर्ण आवेदन। माता/पिता/दोनों जैसी भी स्थिति हो का मृत्यु प्रमाण पत्र, कोविड-19 से मृत्यु का साक्ष्य, आय प्रमाण पत्र (माता-पिता दोनों की मृत्यु की स्थिति में जरूरी नहीं), बच्चे का आयु प्रमाण पत्र, शिक्षण संस्थान में पंजीयन का प्रमाण पत्र, उत्तर प्रदेश का निवासी होने का घोषणा पत्र।

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