विगत चार वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में विकास के अनेक कीर्तिमान कायम हुए। अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में यूपी अव्वल रहा है। अब मेडिकल कॉलेज निर्मांण का भी कीर्तिमान स्थापित होगा। प्रदेश सरकार ने विगत वर्ष राज्य में आठ नए राजकीय मेडिकल काॅलेजों को प्रारम्भ कराया। इन मेडिकल काॅलेजों में छात्रों का प्रवेश प्रक्रिया सम्पन्न कराकर पठन पाठन प्रारम्भ कराया गया है।
नवीन मेडिकल काॅलेजों के संचालन के सम्बन्ध में नेशनल मेडिकल काउन्सिल के अनुमोदन के उपरान्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नौ मेडिकल काॅलेजों का लोकार्पण प्रस्तावित है। इसी क्रम में योगी आदित्यनाथ ने सिद्धार्थनगर मेडिकल काॅलेज का निरीक्षण किया। जल्दी ही इन मेडिकल काॅलेजों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाएगी। इन सभी मेडिकल काॅलेज का नेशनल मेडिकल काउन्सिल के निरीक्षण एवं अनुमोदन के साथ ही नीट के माध्यम से चयनित प्रथम वर्ष के सौ बच्चों के प्रवेश का कार्य प्रारम्भ हो जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिद्धार्थनगर मेडिकल काॅलेज का नामकरण श्री माधव प्रसाद त्रिपाठी,देवरिया मेडिकल काॅलेज का नामकरण देवरहा बाबा, जौनपुर मेडिकल काॅलेज का नामकरण श्री उमानाथ सिंह,गाजीपुर मेडिकल काॅलेज का नामकरण महर्षि विश्वामित्र, प्रतापगढ़ मेडिकल काॅलेज का नामकरण डाॅ सोनेलाल पटेल एवं मीरजापुर मेडिकल काॅलेज का नामकरण माँ विन्ध्यवासिनी के नाम पर किया जा रहा है। विगत वर्षाें में प्रदेश सरकार द्वारा बस्ती मेडिकल काॅलेज का नामकरण महर्षि वशिष्ठ के नाम पर,अयोध्या मेडिकल काॅलेज का नामकरण राजर्षि दशरथ के नाम पर,बहराइच मेडिकल काॅलेज का नामकरण राजा सुहेलदेव के नाम पर किया जा चुका है।
वर्तमान केन्द्र सरकार ने विगत सात वर्षों में देश और प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने का कार्य किया है। आजादी के लगभग सत्तर वर्ष तक प्रदेश में बारह मेडिकल काॅलेज बने थे। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा पिछले वर्ष आठ मेडिकल काॅलेज प्रारम्भ कराए गए। इस सत्र में नौ मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई प्रारम्भ हो जाएगी। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा विगत साढ़े चार वर्षाें में राज्य में चौदह नए मेडिकल काॅलेज प्रारम्भ करा दिए जाएंगे। प्रदेश के सोलह जनपदों में जहां कोई भी सरकारी अथवा प्राइवेट मेडिकल काॅलेज नहीं हैं। ऐसे जनपदों के लिए राज्य सरकार द्वारा कार्ययोजना तैयार की गयी है। इन जनपदों में पीपीपी मोड में मेडिकल काॅलेजों का निर्माण किया जाएगा।
वर्तमान राज्य सरकार का कार्यकाल पूरा होने तक प्रदेश के प्रत्येक जनपद में एक मेडिकल काॅलेज होगा। प्रधानमंत्री द्वारा गोरखपुर एवं रायबरेली में दो एम्स प्रदान किए गए हैं। इन दोनों एम्स में विगत सत्र से शिक्षण कार्य भी प्रारम्भ हो चुका है। एम्स विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं का एक महत्वपूर्ण केन्द्र होता है। गोरखपुर एम्स में ओपीडी कार्य विगत वर्ष ही प्रारम्भ हो चुका है। एक हजार बेड के हाॅस्पिटल के साथ शीघ्र ही इसका निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद प्रधानमंत्री के द्वारा इसका लोकार्पण किया जाएगा।