त्योहारी सीजन के पहले चना और चनादाल के भाव में उछाल देखने को मिला है, इसके भाव में अभी तक 10 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है। जबकि जून में दालों की महंगाई दर 21 प्रतिशत के पार पहुंच गई थी। हालांकि जुलाई महीने में रिटेल महंगाई सालाना आधार पर घटकर 3.54 प्रतिशत पर आ गई है। इससे पहले जून में महंगाई दर 5.08 प्रतिशत पर रही थी। बावजूद इसके दालों के भाव 12 महीनों से दोहरे अंकों में बने हुए हैं और नीचे आने का नाम नहीं ले रहे हैं।
त्योहारी सीजन से पहले चना दाल का भाव अभी तक 10 प्रतिशत तक बढ़ गया है। थाली में चना दाल के अलावा चने का इस्तेमाल त्योहारों में बेसने रूप में अधिक होता है जिसमें मिठाई, नमकीन और अन्य खाद्य वस्तुएं प्रमुख है। इसकी वजह से आम लोगों के जेब पर असर पड़ सकता है। उद्योग के अनुसार खुदरा बाजार में गत महीने तक 80 से 85 रुपये के बीच बिक रहा था वह आज 90 से 95 रुपये में बिक रहा है इस तरह काबुली चना खुदरा बाजार में 115 से 125 रुपये के बीच बिक रहा था यह बढ़कर 130 से 140 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार त्योहारी सीजन में दालों की मांग बढ़ जाती है पिछले महीने की तुलना में चना दाल के भाव में 10 प्रतिशत की बड़ी वृद्धी हुई है। नवी मुंबई ग्रेन एसोसिएशन के सदस्य कीर्ती राणा बताते हैं कि केंद्र सरकार महंगी दाल से राहत देने के लिए नेफेड के जरिए 60 रुपये किलो की कीमत पर दाल की बिक्री कर रही है। आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र के अकोला में अरहर दाल की एक्स मिल कीमत एक महीने में 700 रुपये प्रति क्विटंल जो 4.2 प्रतिशत कम होकर 15,800 रुपये प्रति प्रति क्विटंल है जबकि सालाना आधार पर यह कीमत 9 प्रतिशत अधिक है।