नाटो ने बुधवार को नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूटे को अपना अगला महासचिव नियुक्त किया है। रूटे को यह जिम्मेदारी ऐसे समय सौंपी गई है, जब यूक्रेन में युद्ध जारी है और यूरोपीय सुरक्षा के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है।
रूटे की नियुक्ति पर मुहर
ब्रुसेल्स में 32 देशों के गठबंधन के मुख्यालय में नाटो राजदूतों की बैठक के दौरान रूटे की नियुक्ति पर मुहर लगाई गई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके समकक्ष नौ से 11 जुलाई को वाशिंगटन में एक शिखर सम्मेलन में औपचारिक रूप से उनका स्वागत करेंगे।
इनकी जगह लेंगे
नीदरलैंड के प्रधानमंत्री एक अक्तूबर को महासचिव का पदभार संभालेंगे। वह नार्वे के जेन्स स्टोल्टेनबर्ग की जगह लेंगे। बता दें, स्टोल्टेनबर्ग ने इस पद पर एक दशक से अधिक समय बिताया है। साल 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद निरंतरता बनाए रखने के लिए, उनके कार्यकाल को बार-बार बढ़ाया गया था।
नाटो को मजबूत करना जरूरी
स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, ‘मैं अपने उत्तराधिकारी के रूप में मार्क रूटे को नाटो सहयोगियों द्वारा चुने जाने का स्वागत करता हूं। मार्क एक मजबूत नेता हैं। मैं उनकी सफलता की कामना करता हूं। आज या आने वाले समय की चुनौतियों से निपटने के लिए नाटो को मजबूत करना जरूरी है। मुझे पता है कि मैं नाटो को अच्छे हाथों में दे रहा हूं।’
महासचिव बैठकों की अध्यक्षता करते हैं और सदस्य देशों के बीच अक्सर नाजुक परामर्शों का मार्गदर्शन करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संगठन, जो आम सहमति से चलाया जाता है, सुचारू रूप से काम कर सके। नाटो नेता यह भी सुनिश्चित करता है कि निर्णयों को अमल में लाया जाए और सभी सदस्यों की ओर से बोलता है।