हमास और इस्राइल बीते छह महीने से जंग लड़ रहे हैं। इस्राइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर अमेरिका में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। देशभर में लोग इस्राइल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध विश्वविद्यालयों तक पहुंच गया है। करीब दो सप्ताह से चल रहे प्रदर्शनों से कॉलेज प्रशासन परेशान हैं। इस बीच, सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के हैमिल्टन हॉल पर कब्जा कर लिया। चेतावनी देने के बाद भी फलस्तीनी समर्थक पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद पुलिस ने मंगलवार देर रात कार्रवाई कर हैमिल्टन हॉल को खाली कराया।
न्यूयॉर्क पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय के अध्यक्ष ने पहले खुद परिसर में सुरक्षा सुनिश्चित करने और व्यवस्था बहाल करने की कोशिश की। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को परिसर खाली करने की चेतावनी दी, लेकिन कोई पीछे नहीं हटा। इसके बाद पुलिस से मदद मांगी गई।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने सख्ती करते हुए कोलंबिया विश्वविद्यालय के हैमिल्टन हॉल से 30 से 40 प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाला और परिसर को खाली कराया। बताया जा रहा है कि 17 मई तक अब कॉलेज पुलिस की कड़ी निगरानी में रहेगा। बता दें, कोलंबिया में अप्रैल महीने की शुरुआत में विरोध-प्रदर्शन शुरू हुए। अब यह विरोध-प्रदर्शन कैलिफोर्निया से लेकर मैसाचुसेट्स तक फैल गए हैं। वहीं, प्रशासन को प्रदर्शनकारियों को हटाने का दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
आइए जानते हैं अब तक क्या कुछ हुआ-
- अमेरिका के विश्वविद्यालयों में फलस्तीनी समर्थक प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। यहां पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी एक और सप्ताह जारी रही।
- हार्वर्ड विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारियों ने, जहां अमेरिका का झंडा लगा होता है, वहां फलस्तीनी झंडा लगाया।
- इसके अलावा, हिल्टन होटल में व्हाइट हाउस के पत्रकारों का भोज होना था। यहां जो बाइडन के रात्रिभोज को संबोधित करने की उम्मीद थी। कार्यक्रम से पहले यहां फलस्तीनियों का समर्थन कर रहे लोग पहुंच गए। इनमें से कुछ ने होटल की सबसे ऊपरी मंजिलों में से एक पर फलस्तीनी झंडा लगा दिया। घटनास्थल पर मौजूद प्रदर्शनकारियों ने इस पर तालियां बजाईं।
- प्रदर्शनकारियों ने फलस्तीनी केफिए और तरबूज के प्रतीक वाले कपड़े पहने थे। उन्होंने वाशिंगटन हिल्टन के बाहर फलस्तीनी मुक्त के नारे लगाए। साथ ही कहा कि हम कवरेज की मांग करते हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस्राइल और गाजा की खबरों को अधिक से अधिक दिखाने के मकसद से यह प्रदर्शन किया जा रहा है।