लखनऊ। साहिब श्री गुरू ग्रन्थ साहिब महाराज का 419वां पहला प्रकाश पर्व सेवक जत्थे एवं श्री गुरु सिंह सभा की ओर से ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरु नानक देव जी, नाका हिण्डोला लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया जा रहा है। यह जानकारी लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने दी।
सिक्ख सेवक जत्थे के अध्यक्ष राजवंत सिंह बग्गा ने बताया कि प्रातः का दीवान 5.00 बजे आरम्भ हुआ जिसमें शबद कीर्तन गायन करते श्रद्धलुओं के पीछे फूलों की बरखा एवं सुगन्ध से भरे वातावरण में फूलों से सुसज्जित भव्य पालकी साहिब में विराजमान साहिब श्री गुरू ग्रन्थ साहिब महाराज को पुरूष, महिलाएं तथा बच्चे अपने कन्धों पर उठाकर वाहिगुरू का जाप कर रहे थे।
सुखमणि साहिब सेवा सोसायटी, दशमेश सेवा सोसायटी और सिक्ख यंग मेंस एसोसिएशन के सदस्यों ने भी गुरबाणी कीर्तन का गायन किया। शबद चौकी के कार्यक्रम के उपरान्त श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी का प्रकाश दरबार हाल में फूलों और एवं बिजली की झालरों से सुसज्जित भव्य संगमरमर की पालकी में किया गया।
उसके उपरान्त श्री अखण्ड पाठ शुभारम्भ हुआ जो लगातार 48 घन्टे तक चलेगा। तत्पश्चात भाई हजूरी रागी राजिन्दर सिंह जी ने अपनी मधुर वाणी में “सभ सिक्खन को हुकुम है गुरू मान्यो ग्रंथ” एवं पवित्र आसा दी वार का अमृतमयी शबद कीर्तन गायन किया।
ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने श्री गुरू ग्रन्थ साहिब की महिमा का व्याख्यान करते हुए बताया कि गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज का सबसे पहले प्रकाश गुरु अर्जन देव जी ने श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर साहिब में 1604 को किया था और बाबा बुड्ढा जी को पहला मुख्य ग्रंथि बनाया गया था।
कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया। दीवान की समाप्ति के उपरान्त ब्रेड छोले, चाय नाश्ता का लंगर श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।