भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। किंतु सुविधाओं व संसाधनों के अभाव में उन्हें उचित अवसर नहीं मिलता है। खेल के क्षेत्र में भी यही स्थिति रही है। स्वतन्त्रता के बाद ही इस संबन्ध में व्यापक कार्ययोजना की आवश्यकता थी। लेकिन दशकों तक यह क्षेत्र उपेक्षित रहा। गांवों तक खेल के प्रति जागरूकता व सुविधाएं पहुंचाने का प्रयास नहीं किया गया। इस कमी को नरेंद्र मोदी सरकार ने पूरा किया। खेलो इंडिया व फिट इंडिया अभियान के अंतर्गत खेलों को बढ़ावा दिया गया। इसमें बच्चों युवाओं को जागरूक बनाने व पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना शामिल है। इसका विस्तार गांव से लेकर सुदूर क्षेत्रों तक विस्तृत है।
टोकियो ओलंपिक में पदक जीतने वाली मीरा बाई चानू का उदाहरण दिलचस्प है। वह सुदूर वनवासी क्षेत्र की है। खेलो इंडिया अभियान के अंतर्गत उनकी प्रतिभा की पहचान की गई। देश व विदेश तक उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई। इसके बाद उनको ओलंपिक में अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर मिला। इस प्रकार के अनेक उदाहरण अब देश में दिखाई दे रहे है।
क्रिकेट के अलावा भी अन्य खेलों व उनके खिलाड़ियों को सुविधा व सम्मान दिया जा रहा है। पहली बार खेल शिक्षा को सुनियोजित प्रोत्सान दिया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत और खेल का एक साथ उल्लेख विचित्र लग सकता है। लेकिन यह यथार्थ है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खेल उपकरण उत्पादन को ओडिओपी में शामिल किया है। भारत को खेल सामग्री खेल शिक्षा व प्रशिक्षण में भी आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले देश में कोई खेल विश्वविद्यालय नहीं था। ऐसा पहला विश्वविद्यालय मणिपुर में खोला गया। इसके अगले चरण में नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के पहले खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। सात सौ करोड़ रुपये की अनुमानित लागत का यह विश्वविद्यालय मेरठ के सरधना कस्बे के सलावा और कैली गांव में स्थापित किया जा रहा है। यहां से हर साल एक हजार युवा खिलाड़ी बनकर निकलेंगे।
नरेंद्र मोदी ने पिछले सात दशकों में केंद्र और राज्यों में सरकारों द्वारा खेल और खिलाड़ियों के प्रति उदासीन रहने का आरोप लगाया। इनकी खेलों के प्रति सोच और समझ सीमित थी। इससे युवाओं विद्यार्थियों में खेल के प्रति उदासीनता आ गई। वर्तमान सरकार ने खिलाड़ियों को संसाधन,प्रशिक्षण की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने पर ध्यान दिया। अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर और चयन में पारदर्शिता लाई गई। प्रशिक्षण व चयन को भाई भतीजावाद से मुक्त किया गया। खेलो इंडिया अभियान के माध्यम से देश में प्रतिभाशाली युवाओं की पहचान हो रही है। युवाओं में खेलों प्रति विश्वास जागृत किया जा रहा है। खेल को आजीविका से भी जोड़ने का कार्य चल रहा है। नई शिक्षा नीति में खेल को प्राथमिकता दी गई है। स्पोर्ट्स को साईंस,कॉमर्स,आर्ट आदि की श्रेणी में शामिल किया गया है। पहले खेल को एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था। अब स्पोर्ट्स स्कूल में निर्धारित व मान्यता प्राप्त एक विषय होगा।
आजादी के बाद के सत्तर वर्षों में पहला खेल विश्वविद्यालय मणिपुर में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा स्थापित किया गया। मेरठ की मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी इस दिशा में एक कदम है। इस अवसर पर नरेंद्र मोदी ने देश के प्रसिद्ध खिलाड़ियों से संवाद किया। मेरठ के खेल उद्यमियों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन भी किया। देश को खेल उद्यम का हब बनाने और आत्मनिर्भर बनाने का कार्य चल रहा है। यह आत्मनिर्भर अभियान का अंग है। खेलों को एक उद्योग के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। मेरठ में खेल उपकरणों को देश और दुनिया के विभिन्न देशों में निर्यात किया जाता है। ओलंपिक जैसी प्रतियोगिताओं में भी मेरठ में बने खेल उपकरण भेजे जाते हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत मेरठ जनपद से खेल उपकरण का चयन किया है।
मेरठ और पश्चिम उप्र के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन पूरी दुनिया के सामने कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में खेलों में अपार संभावना है। प्रदेश सरकार इस दिशा में प्रभावी कार्य कर रही है। सरकार नई खेल संस्कृति को विकसित करने के लिए कार्य कर रही है। फिट इंडिया अभियान,खेलो इंडिया अभियान और सांसद खेल स्पर्धा परस्पर पूरक है। इन सबके माध्यम से खेल जगत को समृद्ध किया जा रहा है।। खेलों को प्रतिस्पर्धा के साथ ही एक उद्यम के रूप में भी अपनाया जा रहा है। युवाओं को खेलों को खेलों में हायर एजूकेशन प्राप्त करने का संस्थान बनाया गया है। खेल से जुड़ी सर्विस और सामान का वैश्विक बाजार लाखों करोड़ रुपये का है। देश में अनेक ऐसे स्पोर्ट्स को विकसित किया जा रहा है।
देश को स्पोर्ट्स सामान और उपकरणों के निर्माण में भी आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। ऐसे विश्वविद्यालय खेल संस्कृति को विकसित करने के लिए नर्सरी का काम करेंगे। खेल संस्थान आधुनिक बनाए गए। हायर एजूकेशन का श्रेष्ठ संस्थान देश को मिला है। लोकल से ग्लोबल बना रहा है। योगी सरकार कई विश्वविद्यालयों की स्थापना कर रही है। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विवि गोरखपुर, डॉ.राजेंद्र प्रसाद विधि विवि प्रयागराज, लखनऊ में फोरेंसिक विवि,अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप विवि, सहारनपुर में मां शाकंभरी विवि बन रहे हैं। सांसद खेल प्रतिस्पर्धा देश के हर संसदीय क्षेत्र में हुई। ग्रामीण और जनपद स्तर तक हजारों खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना की है। इसके तहत योग्य प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। उन्हें उत्तम माहौल दिया जाएगा। खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर कार्रवाई कर रही है। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक पाने वालों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों और ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का सम्मान समारोह आयोजित किया। उन्हें नकद धनराशि प्रदान की गई। प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में कई कदम बढ़ाए गए हैं। गांवों में खेल मैदान, ओपन जिम,स्टेडियम, मिनी स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार का सहयोग सभी कार्यक्रमों में प्राप्त हो रहा है।