भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। किंतु सुविधाओं व संसाधनों के अभाव में उन्हें उचित अवसर नहीं मिलता है। खेल के क्षेत्र में भी यही स्थिति रही है। स्वतन्त्रता के बाद ही इस संबन्ध में व्यापक कार्ययोजना की आवश्यकता थी। लेकिन दशकों तक यह क्षेत्र उपेक्षित रहा। गांवों तक ...
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