नई संसद भवन (New Parliament Building) के उद्धाटन विवाद में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandh) ने मोदी सरकार पर फिर हमला बोला है और कहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से संसद भवन का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना, देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। गांधी ने कहा, संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है।
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उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस, वामपंथी, आप और टीएमसी सहित 19 विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद परिसर के उद्घाटन का बहिष्कार की घोषणा के बाद आई है। उनका कहना है कि जब लोकतंत्र की आत्मा को संसद से ही चूस लिया गया है तो ऐसे में नई संसद भवन का कोई महत्व नहीं रलह जाता है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। विपक्षी दलों ने कहा है कि राष्ट्रपति न केवल भारत में राज्य का प्रमुख होते हैं, बल्कि संसद के एक अभिन्न अंग भी होते हैं क्योंकि वह संसद सत्र बुलाते हैं, सत्रावसान करते हैं और उसे संबोधित भी करते हैं। इसलिए, विपक्षी दलों ने तर्क दिया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ही नई संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए न कि पीएम मोदी को।
राहुल गांधी ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, “राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना – यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है।”