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हाथरस घटना: उपवास पर बैठे गांधीवादी ‘राजनाथ’

लखनऊ। हाथरस की दलित लड़की के बलात्कार-हत्या कांड में अपराधियों के अलावा यूपी प्रशासन भी गंभीर सवालों के कटघरे में है। शासन की विफलता ही नहीं, दलित लड़की के पार्थिव शरीर को रातोंरात जलाने के मामले में उसकी बर्बरता भी उजागर हुई है। ऐसे में हाथरस कांड की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी मे जांच करायी जाए। यह बात गांधी भवन में एक दिवसीय उपवास पर बैठे गांधीवादी राजनाथ शर्मा ने कही।

श्री शर्मा ने कहा कि जनता का विश्वास जनप्रतिनिधियों से उठ गया है। जनता यह मांग करने लगी है कि सीबीआई या अन्य जांच एजेन्सी से निष्पक्ष जांच करायी जाए। जबकि यह लोकतंत्र के लिए विषम परिस्थिति है। एसआईटी और सीबीआई दोनों ही जांच एजेन्सियां अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है। आजादी के बाद से निरंतर जनप्रतिनिधियों से जनता का विश्वास घट रहा है। यही नहीं लोकतंत्र के सभी स्तम्भ भी जर्जर हेा गए है। देश व समाज में जिस तरह से बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाएं बढ रही है। उसके लिए लोकतंत्र के सभी स्तम्भ को विचार करना चाहिए। इसके लिए सरकार को सर्वदलीय जांच कमेटी का भी गठन करना चाहिए।

श्री शर्मा ने कहा कि महिलाओं के साथ अत्याचार, दुराचार और उत्पीड़न के बढ रहे हैं। कोई ठोस कानून न होने की दशा में अपराधी सजा मुक्त हो जाते है। महिलाओं को न्याय नहीं मिलता। जिससे अपराधियों के हौसले बढ़ते जा रहे है। सरकार को इस दिशा में कठोर कानून बनाने की जरूरत है। पीड़ित परिवार से किसी को न मिलने देना अलोकतांत्रिक है। जिसके लिए सूबे के मुखिया को तत्काल हाथरस के जिलाधिकारी पर कार्यवाही करनी चाहिए। ऐसे में सरकार और न्याय व्यवस्था पर से लोगों का भरोसा उठ जाएगा।

रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी

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