आरबीआई ने एक और बैंक को लाइसेंस कैंसिल करने से पूर्व कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। फर्जीवाड़े का शिकार बन चुके इस बैंक का नाम ‘संबंध फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड’ है। फ्रॉड के पश्चात् इस बैंक का नेटवर्थ आरबीआई द्वारा निर्धारित की गई लिमिट से भी कम होने लगा तथा हाल के माहों में बैंक की वित्तीय स्थिति बद से बद्तर होती चली गई। मनीकंट्रोल ने अपनी एक रिपोर्ट में इस केस की खबर रखने वाले दो व्यक्तियों के हवाले से लिखा है।
वही रिपोर्ट में कहा गया कि संबंध फिनसर्व को आरबीआई ने कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर क्यों उसका लाइसेंस रद्द नहीं किया जाना चाहिए। बैंक के नेटवर्थ में बड़ी कमी देखने को मिली है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि संबंध फिनसर्व बैंक के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी आरम्भ कर दी गई है। हालांकि, आरबीआई की तरफ इस केस पर अभी तक कोई भी खबर सामने नहीं आई है। संबंध फिनसर्व के अफसरों ने भी कोई बयान नहीं दिया है।
दरअसल, संबंध फिनसर्व के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी अफसर दीपक किडो को ही इस फ्रॉड का मुख्य अपराधी माना जा रहा है। दीपक किडो को चेन्नई पुलिस के आर्थिक अपराध विंग ने हिरासत में लिया है। संबंध फिनसर्व का रजिस्ट्रेशन एनबीएफसी-एमएफआई के रूप में हुआ है। आरबीआई के नियमों के तहत, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान के लिए जरुरी होता है कि वे टियर-1 तथा टियर-2 के रूप में एक पूंजी हमेशा बनाएं रखें। यह उनके जोखिम का 15 फीसदी होना चाहिए। मार्च 2020 संबंध फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड ने 461 करोड़ रुपये के एसेट अंडर मैनेजमेंट के बारे में खबर दी है। SFPL के पास इस के चलते 5।22 करोड़ रुपये का फायदा भी हुआ है। इसके पास कुल फंसा कर्ज लगभग 0।67 फीसदी है।