- Published by- @MrAnshulGaurav
- Tuesday, 15 March, 2022
राजस्थान। राजस्थान के रावतभाटा की कवयित्री और लेखिका रूपा व्यास के लिए लेखन जीवन साधना के समान है। उनकी लेखनी समाज के यथार्थ की तस्वीर खास तौर पर उजागर करती है। यहाँ प्रस्तुत है , राजीव कुमार झा के साथ उनकी बातचीत-
व्यक्तिगत और साहित्यिक परिचय
नाम- डॉ. रूपा व्यास,
जन्म-05 जनवरी, जन्म स्थान-‘परमाणु नगरी’रावतभाटा पिता-श्री मान महेश व्यास माता -श्री मती मिथलेश व्यास प्रेरणास्त्रोत-पूर्वी शर्मा, शिक्षा-एम.ए(हिंदी साहित्य),बी.एड, कार्य-सेवा कार्य(‘सेवा भारती के माध्यम से),अध्यापन कार्य,स्थानीय शारदा साहित्य मंच एवं विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच के माध्यम से निरंतर साहित्य सृजन, विधा-गीत ,भजन कविता, लघु कथा,लेख आदि, प्रकाशन-राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं एवं संकलनों में सहभागिता,
सम्मान- (1)”चंद्रदेव पुरस्कार”राजस्थान साहित्य अकादमी,उदयपुर(राजस्थान),राज्य स्त.निबंध प्रति.में स्थान”प्रथम”,भू. पू.उपराष्ट्रपति श्री भैरू सिंह शेखावत जी द्वारा (2)अक्षय काव्य सम्मान और (3)साहित्य शिल्पी सम्मान,काव्य रंगोली पत्रिका,(उत्तरप्रदेश)संबद्ध श्याम सौभाग्य फाउण्डेशन रजि.द्वारा (4)सृष्टि रक्षक सम्मान(मुंबई की इंकलाब पत्रिका द्वारा) (5)अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर “पीस जस्टिस एन्ड रिलीफ फाउंडेशन” द्वारा ‘सोशल एक्टिविस्ट अवार्ड’ ,2020 (6)’रक्तबीज कोरोना’ शीर्षक कविता-सोशल मीडिया ‘मोबा एप्स कोरोना’ काल के लिए चयनित,2020 (7)प्रतिध्वनि साहित्यिक मंच,नई दिल्ली द्वारा ‘सुमधुर काव्य पाठ सम्मान’,2020 (8)मीडिया फ़ॉर यू (M4U-न्यूज़ चैनल)नई दिल्ली द्वारा ‘कोरोना योद्धा’ व ‘वरिष्ठ लेखिका सम्मान’2020 (9)जनवादी परिचर्यम साहित्य संघ(मध्यप्रदेश)द्वारा राष्ट्रीय साझा काव्य संकलन ई-पत्रिका में उत्कृष्ट रचनात्मक सहयोग हेतू-‘कलम की सुगंध’सम्मान-2020 (10)राष्ट्रीय इंकलाब पत्रिका,मुम्बई
द्वारा-साझा लघुकथा संग्रह ‘सत्य का दर्पण’ में उत्कृष्ट सृजन हेतू ‘सत्य सारथी सम्मान’,13जून,2020 सम्मान संख्या-100 से अधिक सेवा भारती(पद)-महिला कोषाध्यक्षा पद(वर्तमान)- अध्यक्षा ‘बदलाव मंच'(राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक मंच) कार्य-संरक्षक,सह-सम्पादक(राष्ट्रीय इंकलाब पत्रिका,मुम्बई) संप्रति-शिक्षिका
ई-मेल – rupa1988rbt@gmail.com संपर्क- व्यास जनरल स्टोर,दुकान न.07,न्यू मार्केट,रावतभाटा, जिला-चित्तौड़गढ़(राजस्थान)
प्रश्न-1.आप नयी कवयित्री हैं ! आपको कविता लेखन के लिए कौन सी बातें आकृष्ट करती रही हैं ?
उत्तर-जी,मुझे कविता लेखन के लिए समाज की स्थिति आकर्षित करती है कि समाज में जो अच्छा या बुरा देखती हूं,उसे ही अपनी लेखनी के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का कार्य करती हूँ।
प्रश्न-2.आपका रुझान कविता लेखन की ओर कैसे कायम हुआ ? कविता के उन तत्वों के बारे में बताएँ जो उसे सुंदर कला का रूप देते हैं ?*
उत्तर- कई बार समाज की ऐसी परिस्थिति देखी जब किसी गरीब को परेशान किया जाता था,अमीर व निर्धन के लिए नियम अलग देखे,किसी बेटी को जीवित ही जला दिया जाता था आदि देखकर मन बहुत दुखी हुआ तो लोगों को इस समस्या के प्रति जागरूक करने का कार्य सिर्फ और सिर्फ और लेखन के माध्यम से किया जा सकता है और विस्तृत रूप से भी,इस प्रकार कविता के प्रति रुझान कायम हुआ।
कविता को निस्वार्थ भाव से समाज के हित को देखकर लिखी गई रचना,लय, रस,अलंकार व मन के उद्गार स्वतः ही कविता को सुंदर बना देती है।
प्रश्न-3.आप अपने बचपन घर परिवार के बारे में बताएँ ?*
उत्तर – मेरा बचपन रावतभाटा(जिला-चित्तौड़गढ़,राजस्थान) में बीता है,मेरी शिक्षा रावतभाटा व कोटा से हुई है। मेरे परिवार में मेरे माता (मिथलेश व्यास), पिता (महेश व्यास), भाई (चिराग व्यास)
– बहन (दीपा व्यास) और एक प्यारी से बच्ची पूर्वी शर्मा है।
प्रश्न-4.आपने हिंदी के जिन कवियों और लेखकों को पढ़ा है , उनके साहित्य ने आपकी चेतना को किस तरह प्रभावित किया ?*
उत्तर- मैंने कई लेखक,कवि,कवयित्री व लेखिका की रचनाओं को पढ़ा है, जिनमें रामधारी सिंह दिनकर,सुभद्रा कुमारी चौहान,मैथिलीशरण गुप्त,डॉ. दीपक क्रांति,निराला,यशपाल,
भारतेंदु,हरिवंश राय बच्चन, ऋतुराज व रामचन्द शुक्ल आदि।
इनकी रचनाएं पढ़ने से मुझे देश हित में लिखने की प्रेरणा मिली और आज तक अनवरत लिख रही हूँ।
प्रश्न-5.राजस्थानी साहित्य में आपको किन लेखकों की रचनाएँ पढ़ने में अच्छी लगती हैं ?
उत्तर- मुझे राजस्थानी साहित्य में सूर्य मल्ल मिश्रण,रांगेय राघव,वीरांगना रानाबाई व चंदवरदाई आदि की रचनाएं पढ़ने में अच्छी लगती हैं।
प्रश्न-6.आपकी नजर में युवा रचनाकारों के लिए उन्हें लेखन में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है ?*
उत्तर- मेरे अनुसार युवा रचनाकारों को अपने लेखन में कम से कम शब्दों में सशक्त अभिव्यक्ति देनी चाहिए,विषयानुसार शब्द चयन,तत्सम शब्दों का उपयोग,यश प्राप्ति लेखन का उद्देश्य न हो,राष्ट्र-हित सर्वोपरि हो,”साहित्य समाज का दर्पण” कहावत ,लेखन में चरितार्थ हो
व कविता के भाव इस प्रकार हो कि पाठक को प्रभावित करे।
प्रश्न-7.युवा मन के लोगों को साहित्य किस तरह की प्रेरणा और संदेश देता है ?*
उत्तर- युवा मन के लोगों को साहित्य उनके जीवन को सही मार्गदर्शित कर सकता है,जो आज सोशल मीडिया के माध्यम से जो कुछ भी दिखाया जा रहा है,उससे युवा पथ भ्रमित हो रहे हैं,तो वहीं साहित्य उन्हें सही निर्देशित कर सकता है।
प्रश्न-8.आप हिंदी भाषा और साहित्य की छात्रा रही हैं ! सदियों से हिंदी कविता जनमानस को जीवन की किन बातों से अनुप्राणित करती रही है ?*
उत्तर- सदियों से हिंदी कविता लोगों को सामाजिक स्थिति से अवगत करवाती आई है और सभी को देश-हित हेतु प्रेरित करती रही है।
अक्सर समाज के निम्न वर्ग तक हमारे नेतृत्वकर्ता नहीं पहुँच पाते व महिलाओं के प्रति जो समाज में अत्याचार हो रहे हैं,उनसे सभी को अवगत करवाने के लिए तथा उनके प्रति सही दृष्टिकोण रखने हेतु साहित्य -माध्यम से प्रेरित होती रही है।
प्रश्न- 9.लेखन के अलावा अपनी अन्य अभिरुचियों के बारे में बताएँ ?
उत्तर- मुझे पढ़ना व पढ़ाना, बच्चों के साथ समय व्यतीत करना,संगीत सुनना,प्रकृति के बीच रहना,यात्राएं करना,सबकी मदद करना व अपने परिवार के साथ समय बिताना अच्छा लगता है।
प्रश्न-10.कविता के अलावा और किन विधाओं में लेखन करना आपको प्रिय है ?*
उत्तर- कविता के अलावा मुझे निबंध, लघुकथा,मुक्तक व लेख आदि विधाओं में लेखन करना प्रिय है।
प्रश्न-11.वर्तमान हिंदी लेखन में नारी विमर्श इसका महत्वपूर्ण आयाम है ! साहित्य में नारी चिंतन के महत्वपूर्ण बिंदुओं को रेखांकित करें ?*
उत्तर – साहित्य में नारी चिंतन के महत्वपूर्ण बिंदु समता,नारी-चेतना व जागृति आदि हैं।
प्रश्न-12.सोशल मीडिया ने नारी की परंपरागत छवि को धूमिल किया है ! भारतीय संदर्भ में इसके बारे में आपके क्या विचार हैं ?*
उत्तर- जी हाँ, बिल्कुल सहमत आज सोशल मीडिया के कारण नारी का परम्परागत रूप खो गया है। भारत का युवा-वर्ग सोशल मीडिया पर जो-जैसा परोसा जा रहा है,उससे भ्रमित हो रहा है, जो कि भारत के भविष्य के लिए सही नहीं हो सकता,इसलिए लोगों को जागरूक करना होगा।