सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर Supreme court ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण राज्य सरकारें तय करें। प्रमोशन में आरक्षण देना राज्य की सरकार पर निर्भर करेगा।
नागराज मामले में कोर्ट का फैसला सही : Supreme court
2006 में नागराज मामले पर कोर्ट ने कहा कि उस फैसले को सात सदस्यों की बेंच के पास भेजने की जरूरत नहीं है जिसमें एससी/एसटी को नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए शर्तें तय की गई थीं तथा मामले में संविधान पीठ के दिए हुए फैसले पर दोबारा विचार करने की दरकार नहीं है। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में SC/ST आरक्षण पर कोई डेटा जमा करने की जरूरत नहीं है।
मामले की सुनवाई कर रही पीठ में सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्ष वाली इस बेंच में जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल हैं।
क्या था मामला
नागराज मामले में पांच जजों की ही एक संवैधानिक बेंच ने फैसला दिया था कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC-ST) वर्गों को संविधान के अनुच्छेद 16(4) और 16 (4ख) के अंतर्गत रिजर्वेशन दिया जा सकता है। लेकिन इसके लिए किसी भी सरकार को कुछ मानदंडों को पूरा करना होगा। केंद्र सरकार ने इस फैसले की एक बड़ी खंडपीठ से समीक्षा की मांग की थी। संवैधानिक बेंच ने इस मामले पर बीती 30 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।