लखनऊ। वैश्विक महामारी की विपदा में परिवार के पिता, भाई और 15 मई को मां को खोने के बाद भी कंपनी में पायलट (ड्राइवर) प्रभात यादव, अपने कर्तव्य पथ से विचलित नहीं हुआ। मां के निधन के सूचना मिलने पर, कॉल पूरी किया और फिर अंतिम संस्कार के तुरंत बाद वापस ड्यूटी ज्वाइन कर मानव सेवा, कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल पेश की। यह बात एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके ईएमआरआई के वाइस प्रेसिडेंट टीवीएसके रेड्डी ने कहीं और प्रभात की इसी निष्ठा को स्मृति चिन्ह, शाल और चेक भेंट कर सम्मानित किया।
मथुरा जपनद में पायलट (ड्राइवर) प्रभात यादव के गुरुवार को आशियाना, लखनऊ स्थित कार्यालय पहुंचते ही अधिकारियों व कर्मचारियों ने तालियों के साथ उनका जोरदार स्वागत किया। संस्था के एचआर हेड लिंगराज दास ने कहा कि प्रभात ने न सिर्फ स्वयं लोगों की जिंदगी बचाने में अहम रोल निभाया बल्कि दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। पायलट प्रभात यादव ने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना काल में ही उसके पिता स्व. रामवीर सिंह यादव की कोरोना से मौत हो गई थी। इसके बाद उनके भाई की मृत्यु हो गई थी। बीती 15 मई 2021 को उनकी माता की मृत्यु का समाचार मिला तो वह एक मरीज को लेकर अस्पताल जा रहे थे।
मरीज को एम्बुलेंस सेवा देने के बाद वह प्रोग्राम मैनेजर अजय सिंह की गाड़ी से मैनपुरी के चुरहेला गांव पहुंचे और अपनी माता का अंतिम संस्कार किया। तुरंत बाद वह प्रोग्राम मैनेजर अजय सिंह के साथ ही अपनी ड्यूटी पर लौट आए। बताया कि अपनों को तो खो दिया लेकिन दूसरे लोगों को बचाने के लिए ड्यूटी पर लौटना जरूरी था। यही सोचकर वह घर पर नहीं रुके और तुरंत लौट आए। इस अवसर पर स्टेट हेड संदीप दुबे, सीएस हेड कमलकन्नन सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।