Breaking News

ठंड में बढ़ जाता है आर्थराइटिस का खतरा, जानें 5 जरूरी बातें

ठंड के दिनों में जोड़ों में दर्द के साथ आर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है, और इससे जुड़ी अन्य समस्याएं भी पैर पसारती हैं। इससे बचने के लिए कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जानें 5 जरूरी बातें –

1 आर्थराइटिस के अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें ऑस्ट‍ियो आर्थराइटिस बुढ़ापे में होने वाला या डिजनरेटिव आर्थराइटिस भी कहलाता है। वहीं रिह्यूमाटोइड आर्थराइटिस में दर्द और जलन की समस्या एक साथ होती है। इसके अलावा गाऊ आर्थराइटिस यूरिक एसिड के असंतुलन के कारण होता है जिसमें पैरों में सबसे अधिक दर्द होता है।

2 आयुर्वेद के अनुसार जोड़ों में दर्द का प्रमुख कारण जोड़ों में जहरीले पदार्थों का जमा होना है। इसका कारण गलत या बिना तालमेल वाला भोजन करना है, जो कि जोड़ों को काफी हद तक प्रभावित करता है।

3 एक साथ डेयरी उत्पाद, फ्राइड व रिफाइंड फूड, नॉन-वेज और शराब नियमित लेना पाचन प्रक्रिया पर कुप्रभाव डालते हैं। नतीजतन टॉक्सिन कोलन में सड़ने लगते हैं और फिर खून के जरिए पूरे शरीर में फैल जाते हैं। अंत में जहरीले तत्व जोड़ों में जमा हो जाते हैं।

4 आयुर्वेद के सिद्धांत के अनुसार तीन किस्म की ऑर्थराइटिस हैं जो वात, पित्त और कफ के चलते होती है। वात ऑर्थराइटिस, जिसमें जोड़ सूख जाते हैं और चलना फिरना सीमित हो जाता है। वहीं पित्त ऑर्थराइटिस, इसके चलते जोड़ों पर सूजन आ जाती है, दर्द व जलन होती है और कफ ऑर्थराइटिस ओवर ईटिंग और बिना तालमेल वाले खानों को खाने से होती है।

5 आयुर्वेद के मुताबिक ऑर्थराइटिस के उपचार में सबसे पहला कदम कोलन को विषविहीन करना होता है। इसके लिए खाने में मोटे अनाज के सेवन से बचना चाहिए और फल, सब्जियों का ज्यूस, तुलसी चाय, हर्बल चाय और पतली मूंग की खिचड़ी या दलिया का भरपूर सेवन करें।

About Ankit Singh

Check Also

इस आसान विधि से घर पर ही तैयार करें गुड़ की चिक्की

सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में लोगों ने अपने खानपान से लेकर ...