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आरटीआई खुलासा : यूपी में सिंगल यूज पॉलिथीन बनाने की कोई फैक्ट्री नहीं

लखनऊ। सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से उत्तर प्रदेश में सिंगल यूज पॉलिथीन बनाने की कोई भी फैक्ट्री वित्तीय वर्ष 2020 से कभी भी थी ही नहीं. चौंकाने वाली इस बात का खुलासा राजधानी लखनऊ निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा की आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिए गए जवाब से हुआ है.

दरअसल संजय ने बीती 10 जुलाई को सूबे के मुख्यमंत्री कार्यालय में एक आरटीआई अर्जी देकर उत्तर प्रदेश राज्य में हाल ही में प्रतिबंधित की गई श्रेणियों के सिंगल यूज प्लास्टिक और सिंगल यूज पॉलिथीन बनाने वाली फैक्ट्रियों आदि से सम्बंधित 01-04-2020 से 10-07-2022 तक के कालखंड की 6 बिन्दुओं की सूचना सुसंगत रिकॉर्ड की सत्यापित प्रति के साथ मांगी थी.

संजय ने जानना चाहा था कि राज्य सरकार द्वारा ऐसी  जितनी फैक्ट्रियों को बंद किया गया हो और वर्तमान में जो भी ऐसी फैक्ट्रियां चल रही हों उनकी संख्या और उनके नामों की सूचना उनको दी जाए.ऐसी फैक्ट्रियों को बंद कराने विषयक राज्य सरकार द्वारा जारी किये गए शासनादेशों की सत्यापित प्रतियाँ मांगने के साथ-साथ ऐसी फैक्ट्रियों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा की गई कार्यवाहियों की सूचना भी संजय ने मांगी थी.

मुख्यमंत्री कार्यालय ने बीती 10 जुलाई को संजय की आरटीआई अर्जी को राज्य के पर्यावरण विभाग को ट्रान्सफर कर दिया था. राज्य के पर्यावरण विभाग ने संजय की आरटीआई अर्जी को बीती 27 जुलाई को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ट्रान्सफर किया था जिस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बीती 02 अगस्त को संजय को सूचना दी है कि उनकी आरटीआई अर्जी के बिंदु संख्या 1 से 6 तक की सूचना शून्य है क्योंकि बोर्ड में सिंगल यूज़ पॉलिथीन बनाने वाली कोई भी निर्माण इकाई पंजीकृत नहीं है.

सिंगल यूज़ पॉलिथीन का प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित होने के बाद भी इस पॉलिथीन का प्रयोग बदस्तूर जारी है और छापेमारी में सरकारी विभागों को हमेशा भारी मात्रा में प्रतिबंधित श्रेणी की पॉलिथीन प्रयोग होते हुए मिलती है. संजय कहते हैं कि जब सूबे में प्रतिबंधित पॉलिथीन का निर्माण विगत कई वर्षों से हो ही नहीं रहा है तो इतनी भारी मात्रा में प्रतिबंधित श्रेणी की पॉलिथीन प्रयोग के लिए उपलब्ध होना राज्य सरकार के खुफिया तंत्र और अन्य सम्बंधित विभागों की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा रहा है.

संजय ने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से सार्वजनिक अपील की है कि वे राज्य सरकार के खुफिया तंत्र और अन्य सम्बंधित विभागों के पेंच कसकर सूबे में प्रतिबंधित पॉलिथीन के प्रयोग को पूरी तरह से धरातल पर बंद करायें. संजय ने आम जनमानस से भी अपील की है कि वे भी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए अवैध रूप से चल रही पॉलिथीन निर्माण इकाइयों और पॉलिथीन विपणन कर रही इकाइयों की शिकायतें करके अथवा हेल्पलाइन 7991479999 पर सूचना देकर उनको बंद कराने में सहायक बनकर स्वयं भी पॉलिथीन का प्रयोग बंद करें और आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण का तोहफा और आशीर्वाद दें.

नोट : सम्बंधित आरटीआई प्रपत्र वेबलिंक https://tahririndia.blogspot.com/2022/08/blog-post.html पर निःशुल्क प्रयोग हेतु उपलब्ध है.

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