करोड़ों दक्षिण अफ्रीकी बुधवार को नेशनल असेंबली के साथ-साथ प्रांतीय विधानसभाओं के लिए मतदान कर रहे हैं। ऐसा अनुमान है कि इन चुनाव में सत्ताधारी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) को बहुमत नहीं मिलेगा। हालांकि राष्ट्रपति रामाफोसा को विश्वास है कि देश की जनता एक बार फिर उनकी पार्टी को सत्ता में पहुंचाएगी। दक्षिण अफ्रीका में बुधवार सुबह 7 बजे से मतदान चल रहा है, जो रात नौ बजे तक चलेगा। अंतिम नतीजे रविवार तक आ सकते हैं।
सत्ताधारी एएनसी को बहुमत मिलने में शंका
सत्ताधारी एएनसी नेल्सन मंडेला के समय से सत्ता पर काबिज हैं और अब पार्टी को दक्षिण अफ्रीका में शासन करते हुए 30 साल हो चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जनता की सरकार से नाराजगी, भ्रष्टाचार, खराब सेवाएं, बिजली की कमी और आधारभूत ढांचे की खराब स्थिति ऐसे मुद्दे हैं, जिनके चलते एएनसी की सत्ता से विदाई हो सकती है। हालांकि राष्ट्रपति रामाफोसा ऐसा नहीं मानते और उन्हें उम्मीद है कि उनकी पार्टी फिर से सरकार बनाएगी।
राष्ट्रपति रामाफोसा को विश्वास
सोवेटो में मतदान के बाद मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के लोग एएनसी को बहुमत देंगे और उन्हें इस बात में एक प्रतिशत भी शक नहीं है। रामाफोसा ने कहा कि ‘उनकी पार्टी ने अच्छे तरीके से प्रचार अभियान चलाया और पार्टी के कार्यकर्ता लोगों के बीच गए और जो लोग वोट करने को लेकर सशंकित थे, उन्हें भी वोट देने के लिए प्रोत्साहित किया।’
दक्षिण अफ्रीका में मतदान करने वाले आधे से ज्यादा यानी कि करीब 2.6 करोड़ पंजीकृत मतदाता 35 साल से कम हैं और इनमें से अधिकतर लोग 1994 के बाद पैदा हुए हैं। इन मतदाताओं को लेकर चिंता है कि इनमें से कम ही लोग मतदान कर सकते हैं। एएनसी 1994 से सत्ता में है। दक्षिण अफ्रीका में 52 राजनीतिक पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं और बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं। करोड़ों दक्षिण अफ्रीकी बुधवार को नेशनल असेंबली के साथ-साथ प्रांतीय विधानसभाओं के लिए मतदान कर रहे हैं। ऐसा अनुमान है कि इन चुनाव में सत्ताधारी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) को बहुमत नहीं मिलेगा। हालांकि राष्ट्रपति रामाफोसा को विश्वास है कि देश की जनता एक बार फिर उनकी पार्टी को सत्ता में पहुंचाएगी। दक्षिण अफ्रीका में बुधवार सुबह 7 बजे से मतदान चल रहा है, जो रात नौ बजे तक चलेगा। अंतिम नतीजे रविवार तक आ सकते हैं।
सत्ताधारी एएनसी को बहुमत मिलने में शंका
सत्ताधारी एएनसी नेल्सन मंडेला के समय से सत्ता पर काबिज हैं और अब पार्टी को दक्षिण अफ्रीका में शासन करते हुए 30 साल हो चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जनता की सरकार से नाराजगी, भ्रष्टाचार, खराब सेवाएं, बिजली की कमी और आधारभूत ढांचे की खराब स्थिति ऐसे मुद्दे हैं, जिनके चलते एएनसी की सत्ता से विदाई हो सकती है। हालांकि राष्ट्रपति रामाफोसा ऐसा नहीं मानते और उन्हें उम्मीद है कि उनकी पार्टी फिर से सरकार बनाएगी।
राष्ट्रपति रामाफोसा को विश्वास
सोवेटो में मतदान के बाद मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के लोग एएनसी को बहुमत देंगे और उन्हें इस बात में एक प्रतिशत भी शक नहीं है। रामाफोसा ने कहा कि ‘उनकी पार्टी ने अच्छे तरीके से प्रचार अभियान चलाया और पार्टी के कार्यकर्ता लोगों के बीच गए और जो लोग वोट करने को लेकर सशंकित थे, उन्हें भी वोट देने के लिए प्रोत्साहित किया।’
दक्षिण अफ्रीका में मतदान करने वाले आधे से ज्यादा यानी कि करीब 2.6 करोड़ पंजीकृत मतदाता 35 साल से कम हैं और इनमें से अधिकतर लोग 1994 के बाद पैदा हुए हैं। इन मतदाताओं को लेकर चिंता है कि इनमें से कम ही लोग मतदान कर सकते हैं। एएनसी 1994 से सत्ता में है। दक्षिण अफ्रीका में 52 राजनीतिक पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं और बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं।