नई दिल्ली: कतर ने जिन आठ भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मचारियों को मौत की सजा सुनाई थी, उन्हें भारत की तमाम कोशिशों के बाद रिहा कर दिया गया था। अब रिहा हुए आठ भारतीय नौसेना कर्मियों में से एक कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और उनके पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने पीएम के नेतृत्व के लिए प्रशंसा की और उनका धन्यवाद किया है। कैप्टन वशिष्ठ ने अपने जीवन के सबसे चुनौतीपूर्ण समय में मोदी के अटूट समर्थन और अथक प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रभु की कृपा और पीएम मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप से ही घर लौट सका हूं।
कठिन समय में आप आशा के रूप में उभरे
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि कठिन समय में आप आशा की किरण बने। उन्होंने आगे कहा कि आपका यह संकल्प कि कोई भी भारतीय पीछे नहीं रहेगा, यह हमारी आत्माओं में गूंजता है और बार-बार आपने उस प्रतिबद्धता का प्रदर्शन भी किया है। गौरतलब है, सभी आठ अधिकारियों को कतर ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी, जो बाद में हुई थी। हालांकि, भारत के लगातार हस्तक्षेप ने फरवरी में उनकी रिहाई सुनिश्चित की और वे घर लौट आए।
वशिष्ठ ने कहा कि कतर की जेल में एकांत कारावास में उन्हें उम्मीद थी कि उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रमुख राजनयिक कार्यक्रमों जैसे कि संयुक्त राज्य सरकार के राज्य अतिथि, फ्रांस में बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि और भारत में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी का अवलोकन किया।
भगवान राम भी हमें रिहाई का आशीर्वाद दे रहे थे
उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने के साथ ही मुझे लगा कि भगवान राम भी हमें रिहाई का आशीर्वाद दे रहे थे। हमारी आजादी के लिए आपने जो अटूट लड़ाई की और हमारे न रहते हुए हमारे परिवारों के कल्याण की रक्षा की उसके लिए मैं हमेशा आपका ऋणी रहूंगा।’
सौरभ वशिष्ठ ने कहा कि परिस्थिति चाहे जो भी हो, हर भारतीय की भलाई के लिए मोदी दृढ़ से खड़े हैं। वशिष्ठ ने पीएम मोदी के नेतृत्व और सहानुभूति का उदाहरण देने के लिए उनकी प्रशंसा की। अधिकारियों ने बताया कि कैप्टन वशिष्ठ के पिता विंग कमांडर राजिंदर कुमार वशिष्ठ (सेवानिवृत्त) ने भी बेटे की वापसी के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा की और धन्यवाद दिया।
कई नेताओं को देखा है
86 साल के राजिंदर कुमार ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा, ’18 महीनों के इस दुख भरे समय में, आप हमारी चट्टान, हमारी आशा के अटूट स्तंभ के रूप में उभरे। मैं अपने बेटे को कगार से वापस लाने के आपके प्रयासों के लिए आभारी हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि अपने जीवन के दशकों में उन्होंने बदलते समय और युगों से गुजरे हैं। कई नेताओं को देखा है, फिर भी किसी ने भी हमारे देश और इसके नागरिकों के प्रति ऐसी करुणा नहीं दिखाई, जैसे पीएम मोदी ने दिखाई है।