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प्राइवेट स्कूलो की एसोसिएशन का मुख्य सचिव को पत्र, अपील: जारी करें 24 जनवरी से स्कूल खोलने के आदेश

लखनऊ। कोविड के नए वायरस ओमिक्रोन के आने के बाद भी, जिस तरह बाज़ार से लेकर दफ्तर तक खुल हुए हैं और लोगों का घर से बाहर निकलना जारी है, उससे ओमिक्रोन का क़हर उतना नुक्सानदायक नहीं हुआ, जितना कि पहली और दूसरी लहर में हुआ था। लोगों के बाहर निकलने और खुले बाज़ारों को देखते हुए, एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स उत्तर प्रदेश ने, गुरुवार को, प्रदेश के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर भेजा है। इस पत्र में बच्चों के हित में प्रदेश के बंद पड़े स्कूलों को 24 जनवरी से खोलने का आदेश जारी करने की अपील की है।

मुख्य सचिव को लिखा गया एसोसिएशन का पत्र

“स्कूलों को बंद किया जाना बच्चों के साथ न्यायपूर्ण नहीं”-अतुल कुमार

इस पत्र के बारे में एसोएिसशन के अध्यक्ष अतुल कुमार बात करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के कारण स्कूलों को तो बंद कर दिया गया किन्तु मार्केट, सब्जी मण्डी, दुकानों, बस, रेल, पार्क आदि को खुला रखा गया है। समाचारों में दिखायी जा रही भीड़ को देखते हुए, ये साबित हो रहा है कि इन सार्वजनिक स्थानों पर कोविड प्रोटोकॉल का बिलकुल ही पालन नहीं किया जा रहा है। जबकि, सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया, जहाँ कि कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। अतुल कुमार ने कहा कि अभी बीच में जब स्कूल खोले गये थे, उस समय ना केवल बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल रही थी, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में एक भी बच्चे को कोरोना होने की खबर नहीं आई थी। ऐसे में स्कूलों को बंद किया जाना बच्चों के साथ न्यायपूर्ण नहीं है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

वर्ल्ड बैंक के ग्लोबल एजुकेशन डायरेक्टर जैमे सावेद्रा की सलाह को दिया महत्व

अतुल कुमार ने वर्ल्ड बैंक के ग्लोबल एजुकेशन डायरेक्टर जैमे सावेद्रा की सलाह को प्रकश में लाया है। उन्होंने कहा है कि कोविड महामारी को देखते हुए स्कूलों को बंद रखने का अब कोई औचित्य नहीं है। अतुल के अनुसार, सावेद्रा ने यह भी कहा है कि उनकी टीम एजुकेशन सेक्टर पर कोविड-19 के प्रभाव पर नजर रख रही है, और इसका कोई सबूत नहीं है कि स्कूल खोलने से केसेज में बढ़ोत्तरी हुई है। उनके अनुसार कोरोना संक्रमण का स्कूलों को खोलने या बंद करने से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे में रेस्टोरेन्ट, बार और शॉपिग मॉल, सब्जी मण्डी एवं दुकानों आदि को खुला रखने और स्कूलों को बंद रखने का कोई मतलब नहीं है। अतः सरकार को 24 जनवरी से प्रदेश के सभी स्कूलों को खोलने का आदेश देकर बच्चों के साथ न्याय करना चाहिए।

रिपोर्ट-अंशुल गौरव

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