वॉशिंगटन। अमेरिका ने पाकिस्तान पर हाल ही में कार्रवाई करते हुए उसके बजट पर रोक लगाई थी। जिसके बाद उसे उम्मीद थी कि पाकिस्तान बातचीत की कोशिश करेगा और आतंकवादी समूहों का आक्रामकता से सामना करने के लिए सहयोग करेगा। लेकिन पाकिस्तान ने इसके उलट अलग ही रास्ता अपनाया है और अमेरिका ने इसकी पुष्टि करते हुए यह बयान ऐसे समय में दिया है जब ऐसी रिपोर्ट सामने आई है कि इस्लामाबाद ने अमेरिका के साथ सैन्य एवं खुफिया सहयोग रोक दिया है।
अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने सहयोग की जताई उम्मीद
पाकिस्तान के इस कथित कदम पर टिप्पणी करने के लिए कहने पर अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीव गोल्डस्टीन ने कहा कि हमें पाकिस्तान से भविष्य में सहयोग मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हम कोई फर्क किए बिना सभी आतंकवादियों से निपटने में पाकिस्तान के साथ काम करने को लेकर तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी जमीन से गतिविधियों को अंजाम देने वाले तालिबान नेटवर्क, हक्कानी नेटवर्क और आतंकवादी समूहों का आक्रामकता से सामना करने की इच्छा दर्शाएगा तथा इससे हमारे द्विपक्षीय सुरक्षा संबंध गहरे होंगे।
गोल्डस्टीन ने कहा कि हम चाहेंगे कि पाकिस्तान बातचीत के रास्ते पर आए और इस प्रयास में हमारी मदद करे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहायता को रद्द नहीं किया गया है, बल्कि रोका गया है। अमेरिका ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह पाकिस्तान को सैन्य उपकरण मुहैया नहीं कराएगा और सुरक्षा संबंधी कोष हस्तांतरित नहीं करेगा।
पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत के साथ अपनी वार्ता का जिक्र करते हुए गोल्डस्टीन ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के प्रयासों में शामिल होगा। इससे पाकिस्तान के लोगों को सुरक्षा महसूस होगी और उनके हित में लाभ होगा।