नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि आतंकवाद का दुनिया के किसी भी धर्म में कोई आधार नहीं है और उन्होंने सभी देशों से इस बुराई से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है। नायडू यहां पहले पीआईओ संसदीय सम्मेलन के समापन अवसर पर संबोधन में कहा, ‘दुर्भाग्य से कुछ लोग आतंकवाद पर धर्म की चादर डाल रहे हैं, लेकिन आतंकवाद का दुनिया के किसी भी धर्म में कोई आधार नहीं है और लोग उसका दुरुपयोग कर रहे हैं।’
आतंकवाद की विध्वंसकारी ताकतों से लड़ना अनिवार्य
उन्होंने कहा कि आतंकवाद की विध्वंसकारी ताकतों से लड़ना अनिवार्य है, क्योंकि वह विकास की राह में रोड़ा अटका रहा है तथा सभी देशों को इसे मानवता के लिए खतरा मानकर उस पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। पाकिस्तान का नाम लिये बगैर नायडू ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद का साथ देने और उसका वित्तपोषण करने में यकीन करते हैं।
वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनिर्धारित पाकिस्तान यात्रा का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए कदम उठाए लेकिन कोई नतीजा नहीं आया। इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पीआईओ संसदीय सम्मेलन ने प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को विविधता प्रदान की है और इससे पीआईओ निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ नियमित संवाद, आवागमन एवं विचारों के आदान-प्रदान के नये मंच खुलने में मदद मिलेगी।