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यूक्रेन से वतन लौटे शिव प्रताप ने बतायी हालातों की आँखों देखी कहानी, घर आकर परिवार के बीच मिला सुकून

शिव प्रताप ने बताया कि भारत सरकार की ओर से हर हाल में यूक्रेन छोड़ने की एडवाइजरी जारी की गई थी। एडवाइजरी मिलने के बाद, शिव अपने साथी भारतियों के साथ, मंगलवार की रात करीब 10 बजे डेनिप्रो शहर पहुँचे। डेनिप्रो में मेडिकल विश्वविद्यालय के हॉस्टल से सात बसों में भारतीय तिरंगा लगाकर, साथियों समेत रोमानिया बार्डर के लिए निकले थे। करीब 22 घंटे के बाद बुधवार देर शाम बार्डर पहुंचे थे। वहाँ इंट्री के दोनों स्टेप पार कर रात करीब 10 बजे रोमानिया पहुँच  गए थे।

  • Published by- @MrAnshulGauravWritten by- Rahul Tiwari
  • Sunday, 06 Febraury, 2022

औरैया। यूक्रेन के डेनिप्रो शहर से एमबीबीएस कर रहे असजना निवासी शिव प्रताप सिंह भी शनिवार की रात घर पहुँच गए हैं। घर पर परिजनों और ग्रामवासियों ने माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया। वहाँ के हालातों के बारे में शिव प्रताप ने बताया कि “भीषण बम और गोलीबारी के बीच छह दिन दहशत बिताए, वहां के हालातों को याद कर रूह काँप जाती है। घर वापस आकर परिजनों से मिलकर शांति और सुकून महसूस कर रहा हूँ।”

जब यूक्रेनियों ने ट्रेन में चढ़ने नहीं दिया

शिव प्रताप ने आगे बताया कि रूस-यूक्रेन जंग के दौरान हुए बम धमाकों से सभी छात्र दहशत में आ गए थे और विश्वविद्यालय हॉस्टल के बंकरों में चले गए थे। सोमवार को अन्य छात्रों के साथ वह रेलवे स्टेशन गए पर वहाँ यूक्रेनियों के अलावा अन्य को ट्रेन में नहीं चढ़ने दिया गया। इस बीच, वहाँ से कुछ दूरी पर बम धमाका हुआ जिससे वह लोग भयभीत हो गये और लगभग आठ किलोमीटर पैदल चलकर फिर से हॉस्टल में आ गये थे। शिव प्रताप ने बताया कि हम लोगों के पास पैसे भी खत्म हो रहे थे और एटीएम में पैसे भी नहीं थे। मार्केट भी नहीं खुल रहा था जिस कारण खाने की वस्तुओं की भी कमी थी। भूख से परेशान थे तो बमों के धमाकों से दिल दहल रहा था।

एडवाइजरी जारी होने पर छोड़ा डेनिप्रो

शिव ने बताया कि भारत सरकार की ओर से हर हाल में यूक्रेन छोड़ने की एडवाइजरी जारी की गई थी। एडवाइजरी मिलने के बाद, शिव अपने साथी भारतियों के साथ, मंगलवार की रात करीब 10 बजे डेनिप्रो शहर पहुँचे। डेनिप्रो में मेडिकल विश्वविद्यालय के हॉस्टल से सात बसों में भारतीय तिरंगा लगाकर, साथियों समेत रोमानिया बार्डर के लिए निकले थे। करीब 22 घंटे के बाद बुधवार देर शाम बार्डर पहुंचे थे। वहाँ इंट्री के दोनों स्टेप पार कर रात करीब 10 बजे रोमानिया पहुँच  गए थे।

“घर वापस आकर परिजनों से मिलकर शांति और सुकून महसूस कर रहा हूँ।”- शिव प्रताप

चित्रांश के बेहोश होने पर हो गया था चिंतित

शिव ने बताया कि बुधवार की देर शाम वह लोग यूक्रेन बार्डर पर पहुंच गए थे। भयंकर सर्दी और बार्डर पर दो घंटे लाइन में खड़े रहने के कारण उसका रूम पार्टनर चित्रांश अचानक बेहोश हो गया था। जिससे वह लोग खासे चिंतित हो गये थे पर रोमानिया के चिकित्सकों ने उसे तुरंत उपचार दिया। जिससे उसे आराम मिल गयी ईश्वर की कृपा से कोई अनहोनी नहीं हुई।

रोमानिया के शेल्टर होम में रूके –

रोमानिया में खाने-पीने से लेकर रूकने के सभी इंतजाम अच्छे से थे। शिव ने बताया कि दो दिन आराम करने के बाद शुक्रवार की देर शाम करीब आठ बजे वह लोग एयरपोर्ट पहुंचे थे जहां से रात्रि दस बजे की फ्लाइट थी। जिससे वह शनिवार दोपहर 12 बजे दिल्ली पहुंचे जहां से सभी को यूपी भवन ले जाया गया। जहां से उपलब्ध कराई गई कार द्वारा वह रात्रि एक बजे असजना घर पहुंचे हैं। शिव ने घर वापसी में विशेष सहयोग के लिए भारत सरकार व भारतीय मीडिया के प्रति धन्यवाद भी बोला।

परिजनों ने खुशी का इजहार किया 
यूक्रेन से शिव प्रताप के घर वापस आने पर बाबा रघुवीर सिंह चौहान, पिता ब्रजपाल सिंह, माता निर्मला सिंह, चाचा ब्रजमोहन सिंह आदि ने खुशी का इजहार करते हुए भारत सरकार के प्रति धन्यवाद बोला और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आपरेशन गंगा के तहत ही उनका बेटा घर वापस आ सका है।

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