- Published by- @MrAnshulGaurav, Written by- Dr. Dilip Agnihotri
- Sunday, 06 Febraury, 2022
लखनऊ। राजभवन में प्रतिवर्ष कृषि उत्पाद संबन्धी प्रदर्शनी लगाई जाती है। इसमें फल-फूल और शाक भाजी आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किए जाते है। इसमें किसानों के अलावा गमले में पुष्प आदि लगाने वालों की गहरी दिलचस्पी होती है। बेहतर उत्पाद के संबन्ध में उनको यहहाँ जानकारी रहती है। कृषि क्षेत्र में अनाज के अलावा फल-फूल आदि को भी उपयोगी माना जाता है। भारत में इनकी भी खूब खपत होती है।
वैज्ञानिक और तकनीकी विधि से किसान इनका उत्पादन बढा सकते है। इससे उनकी आय में भी वृद्धि हो सकती है। सरकार किसानों की आय दोगुनी कर सकती है। इसके अलावा शहरों में लोग गमलों में फूल आदि उगा कर घर की शोभा बढ़ाते है। राजभवन की प्रदर्शनी में इस विषय पर भी जानकारी दी गई। यह बताया गया कि केवल फूल या शोभा के पौधे ही नहीं, गमले में शाक भाजी और औषधीय महत्व के पौधे भी लगाए जा सकते है।
प्रदर्शनी के माध्यम से प्रकृति के संरक्षण व संवर्धन के भी सन्देश दिया जाता है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने इस तथ्य का उल्लेख किया। कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति एक पौधा लगाये और उसकी देख भाल करें तो देश में शुद्ध वायु एवं जल की कोई कमी नही होगी। बच्चों को भी प्रकृति संरक्षण का संस्कार देना चाहिए। जल स्रोतों तथा पेड़ पौधों के संरक्षण का हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। जैविक कृषि के प्रति किसानों का रुझान बढा है।
आनंदीबेन पटेल ने प्रदर्शनी के समापन अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किये। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश स्तरीय इस प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य बागवानी के क्षेत्र में हो रहे विकास नवीन किस्मों,उनकी उत्पादन तकनीक तथा संबंधित जानकारियों से जनसाधारण को अवगत कराना है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि इस बार प्रदर्शनी में अब तक एक लाख से अधिक उद्यान प्रेमियों ने भ्रमण किया है। देश में किसान प्रगतिशील खेती एवं उद्यान विधियों को अपनाकर कम लागत में अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं। प्रतिभागियों द्वारा बड़ी संख्या में विविधता के साथ प्रदर्शनी में प्रतिभाग किया गया।