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अवध विवि के सिमुलेशन टूल्स एण्ड टेक्निक्स से विद्यार्थी हुए रूबरू

अयोध्या,(जय प्रकाश सिंह)। डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में पीएम उषा के साॅफ्ट कॉम्पोनेंट्स के तहत भौतिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग में “सिमुलेशन टूल्स एण्ड टेक्निक्स” विषय पर आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन मुख्य वक्ता मोतीलाल नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान के डॉ संदीप कुमार सिंह रहे।

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उन्होंने विद्यार्थियों को संचार व इंटरनेट के विकास से अवगत करते हुए 1-जी तकनीक से लेकर 5-जी तकनीक तक में हो रहे बदलावों परिचित कराया। इसके अलावा उन्होंने छात्र-छात्राओं के बीच भविष्य में 6-जी की आवश्यकता व उपयोगिता पर विस्तृत चर्चा की।

इस कार्यशाला में डाॅ सिंह ने बताया कि 5-जी नेटवर्क ने उच्च गति, कम लेटेंसी और अधिक कनेक्टेड डिवाइसों के साथ संचार क्षेत्र में एक क्रांति ला दी है। इससे न केवल मोबाइल उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवा मिली है, बल्कि औद्योगिक, स्वास्थ्य, और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में भी इसका व्यापक उपयोग हो रहा है। फिर भी, तकनीक के विकास के साथ-साथ नई चुनौतियां भी उत्पन्न हो रहीं हैं, जैसे डेटा की बढ़ती आवश्यकता, इंटरनेट ऑफ थिंग्स का विस्तार, और विभिन्न उद्योगों की व्यापक प्राथमिकताएं।

उन्होंने बताया कि संचार के क्षेत्र में 6-जी तकनीक एक अत्यंत आवश्यक कदम है, जो संचार की दुनिया को एक नई दिशा प्रदान करेगी। 6-जी में डेटा की गति 1 टेराबाइट प्रति सेकंड तक पहुँचने की संभावना है। यह उच्च गति वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी और डेटा इंटेंसिव एप्लिकेशनों के लिए बेहद आवश्यक होगी।

6-जी तकनीक न केवल मोबाइल उपकरणों के बीच संचार को सक्षम करेगी बल्कि विभिन्न प्रकार के उपकरणों के बीच अत्यधिक परस्पर संचार को सुनिश्चित करेगी, जिससे स्मार्ट शहरों और इंटरनेट ऑफ थिंग्स उपकरणों का अधिक प्रभावी तरीके से उपयोग किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने संचार प्रणाली में हो रहे क्रमित विकास में सिमुलेशन तकनीक के महत्व व उपयोगिता से छात्र- छात्राओं को अवगत कराया।

कार्यशाला में तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नॉलाजी (एकेटीयू) लखनऊ के प्रो० राजीव कुमार सिंह ने मोबाईल फोन के टावरों से हो रहे विद्युत चुंबकीय विकिरण के आँकलन, उनका मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव व बचाव विषय पर व्याख्यान देते हुए इस क्षेत्र में सिमुलेशन के उपयोग से अवगत कराया। उन्होंने विद्युत चुंबकीय विकिरण के आँकलन की विभिन्न विधियों को वर्णित करते हुए इसमें उपयोग किए जा रहे सिमुलेशन सॉफ्टवेयर की तकनीकियों को समझाया।

कार्यशाला की अध्यक्षता प्रो केके वर्मा ने की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सिमुलेशन टूल्स एण्ड टेक्निक्स की मांग हर क्षेत्र में है। इसके अलावा उन्होंने कार्यशाला की महत्ता पर विस्तृत प्रकाश डाला। इस भौतिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभागाध्यक्ष एवं संयोजक प्रो गंगाराम मिश्र ने अतिथियों का स्वागत करते हुए तकनीकी सत्र की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अनिल कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ सिंधू सिंह सहित अन्य शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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