सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से लखीमपुर हिंसा मामले के गवाहों की सुरक्षा के लिए कहा है. कोर्ट ने आज कहा कि जल्द से जल्द गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करवाया जाए. राज्य सरकार की तरफ से अब तक की गई कार्रवाई पर कोर्ट ने असंतोष जताया. कहा कि सरकार ऐसी छवि न दे कि वह अपने पैर पीछे खींच रही है.
यूपी सरकार की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट देर से दाखिल होने पर भी चीफ जस्टिस एन वी रमना ने नाराजगी जताई. 3 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस रमना ने कहा कि कल वह देर शाम तक इस रिपोर्ट का इंतजार करते रहे.
आज इस बात पर सवाल उठाए कि जिन आरोपियों को पकड़ा गया उनकी ज़्यादा हिरासत की मांग पुलिस ने क्यों नहीं की? क्यों 3 दिन की पुलिस हिरासत के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल जाने दिया गया.
यूपी सरकार के वकील साल्वे ने कहा कि कोर्ट उन्हें 1 सप्ताह का समय दे. तब तक इन कमियों को दूर कर लेगा. इस पर जजों ने 26 अक्टूबर को अगली सुनवाई की बात कही. कोर्ट ने कहा कि मामले के गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.