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‘चार हफ्तों के भीतर खुली जेलों की जानकारी दें’, सुप्रीम कोर्ट का राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को आदेश दिया है कि वे चार हफ्तों के भीतर खुली जेलों के कामकाम के संबंध में पूरी जानकारी प्रदान करें। खुली या अर्ध-खुली जेलों में दोषियों को दोपहर में जेल के बाहर काम करने की अनुमति होती है, ताकि वे आजीविका कमा सकें और शाम को लौट सकें। यह व्यवस्था दोषियों को समाज के साथ घुलने-मिलने और सामान्य जीवन जीने में मदद करने के मकसद से की गई थी।

वरिष्ठ वकील के. परमेश्वर ने जस्टिस बी.आर.गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की पीठ को बताया कि इस मुद्दे पर कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक अपनी प्रतिक्रियाएं नहीं दी हैं। परमेश्वर जेलों में भीड़ से जुड़े एक मामले में कोर्ट की मदद कर रहे हैं। पीठ ने कहा कि प्रश्नावली के बावजूद दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब जैसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक खुली जेलों की स्थिति और संचालन के संबंध में चार्ट में जानकारी नहीं दी है।

पीठ ने 20 अगस्त के आदेश में कहा, इसलिए, हम निर्देश देते हैं कि वे सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जिन्होंने अभी तक अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है, वे आज से चार हफ्तों के भीतर पूरी प्रतिक्रिया (प्रश्नावली में) दाखिल करें। अदालत ने यह भी कहा कि जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पूरी जानकारी नहीं दी है, वे भी चार हफ्तों के भीतर आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें। पीठ ने यह भी कहा कि जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पूरी जानकारी नहीं दी है, वे भी चार हफ्तों के भीतर अनुपालन सुनिश्चित करें।

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