नई दिल्ली। दिल्ली में आईएएस कोचिंग के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। अदालत की वेबसाइट पर बताया गया कि 21 अक्तूबर को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।
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इससे पहले शीर्ष अदालत ने 20 सितंबर को मौत की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उच्च स्तरीय समिति को निर्देश दिया था कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए चार सप्ताह के अंदर अंतरिम उपाय पेश करे।
क्या है मामला
गौरतलब है कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में 27 जुलाई को एक बड़ा हादसा हुआ था। यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली राव एकेडेमी के बेसमेंट में पानी में डूबकर तीन बच्चों की मौत हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में 27 जुलाई की शाम अचानक हुई बारिश के कारण लाइब्रेरी में पानी भर गया था। मृतकों दो छात्र और एक छात्रा शामिल थे। तीनों यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। मृतकों की पहचान तेलंगाना निवासी तान्या सोनी, केरल निवासी नेविन डाल्विन और यूपी निवासी श्रेया यादव के रूप में हुई।
यह घटना सभी के लिए आंखें खोलने वाली: सुप्रीम कोर्ट
पांच अगस्त को पीठ ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में घटी यह घटना सभी के लिए आंखें खोलने वाली है। अदालत ने कहा था कि ये जगहें (कोचिंग सेंटर) ‘डेथ चैंबर (मौत का कुआं)’ बन गई हैं। कोचिंग संस्थान का तब तक ऑनलाइन संचालन किया जा सकता है, जब तक वे सुरक्षा मानदंडों और गरिमापूर्ण जीवन के लिए बुनियादी मानदंडों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित न करें। कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले अभ्यर्थियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।
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हादसे की वजह क्या पता चली?
29 जुलाई को दिल्ली के मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि राजेंद्र नगर स्थित राव कोचिंग संस्थान ने ड्रेनेज सिस्टम को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया था। साथ ही संस्थान में बचाव की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस रिपोर्ट में कई सवाल उठाए गए हैं।