चतुरी चाचा ने आज प्रपंच चबूतरे पर पहुंचते ही मुझे हाँक लगाई। मैं भी उनके अच्छे पड़ोसी की तरह तुरन्त चबूतरे पर पहुंच गया। चतुरी चाचा बोले- का हो रिपोर्टर भूलि गयो। आजु प्रपंच ककुवा केरे मड़हा मा होय का हय। चलो हुवाँ सब जने राह देखि रहे होइंहै। हम ...
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