पुरुष हो या महिला, प्रकृति द्वारा मिली कमी को स्वीकार कर लेने के बाद जीने का मनोबल बना लेने के बाद भी कदमकदम पर ठोकरें खानी पड़ती हैं। इस अधूरेपन का अतिक्रमण कर इसे अव्वल बनाने का साहस बहुत कम लोगों में होता है। हेलन केलर, अरुणिमा सिन्हा या दीपा ...
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