किसी ने सही ही कहा है कि ‘करत-करत अभ्यास से जड़मत होत सुजान, रसरी आवत जात है सिल पर पड़त निशान’ अर्थात् जिस प्रकार एक मामूली सी रस्सी कुएँ के पत्थर पर प्रतिदिन के अभ्यास से निशान बना देती है उसी प्रकार अभ्यास जीवन का वह आयाम है जो कठिन ...
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