जिधर भी जाओ एक ही बात सुनने को मिलती है की देश मेरा बढ़ रहा है पर कैसे इसका कोई सटीक जवाब नहीं दे पता सभी भविष्य की सम्भावनाओं पर उमीद लगाए बैठे है कि अब तो कुछ बेहतर होगा। पर कैसे? आँखो को बन्द करके ये पूछना छोड़ दें ...
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