• ‘भारतीय भाषाएं और भारतीय ज्ञान परंपरा’ विषयपर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन नई दिल्ली। “भाषाएं अपनी उपयोगिता, आवश्यकताऔर रोजगार देने की क्षमता के आधार पर आगे बढ़ती हैं। अगर आज हमारी भाषाएं सीमित हैं, तो इसकी जिम्मेदारी हम किसी और पर नहीं डाल सकते। भाषाएं और माताएं अपने पुत्र और ...
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