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25 मीटर ऊंची हाईटेक चिमनी से नहीं उड़ेगी चिता की राख, मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर हो रहा काम

वाराणसी:  मोक्ष तीर्थ मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर 25 मीटर ऊंची हाईटेक चिमनी बनाई जाएगी ताकि आस पास के घरों में चिता की राख भी न उड़ने पाए। कार्यदायी एजेंसी की ओर से निर्माण कार्य शुरू करने की पूर्व की प्रक्रियाएं तेज की गई हैं। संबंधित विभागों को यूटिलिटी शिफ्टिंग का कार्य शुरू होना है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों से वार्तालाप हो चुकी है। जल्द ही सभी बाधाएं दूर कर ली जाएंगी।

अधिकारियों ने बताया कि चिमनी का निर्माण वेल्लारी में हो रहा है। इसमें विशेष प्रकार केहाई स्पीड ब्लोअर लगाए जाएंगे ताकि शवदाह केदौरान निकलने वाली लपट भी आस पास न जाने पाए। केवल चिमनी पर ही छह करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह पूरी तरह से अत्याधुनिक होगा। यहां शवदाह केलिए आने वाले शवयात्रियों को पूरी सुविधाएं दी जाएंगी।

चुनार और जयपुर के पत्थरों से महाश्मशान का निर्माण कार्य पूरा कराया जाएगा। बाढ़ के दौरान भी शवदाह में किसी प्रकार की परेशानी न होने पाए यहां बड़ी नाव केजरिए बड़ी मशीनें पहुंचा दी गई हैं ताकि किसी प्रकार की दिक्कत निर्माण कार्य में न होने पाए। मणिकर्णिका के आस पास चक्र पुष्करिणी, रत्नेश्वर महादेव मंदिर, तारकेश्वर मंदिर और दत्तात्रेय पादुका का भी जीर्णोद्धार कराया जाएगा।

इसके अलावा शव स्नान के लिए पवित्र जल कुंड, वेटिंग एरिया होंगे। भूतल पर पंजीकरण कक्ष, नीचे के खुले में दाह संस्कार के 19 बर्थ, लकड़ी भंडारण क्षेत्र, सामुदायिक प्रतिक्षा कक्ष, दो सामुदायिक शौचालय, अपशिष्ट ट्रालियां का स्थापन, मुंडन क्षेत्र होंगे। चारों तरफ से कवर दाह संस्कार क्षेत्र में पांच बर्थ, सर्विस एरिया, अपशिष्ट संग्रह की व्यवस्था, घाट पर सीढ़ियों व सड़क आदि निर्माण शामिल है।

महाश्मशान के विकास पर खर्च होंगे 36.86 करोड़ रुपये
महाश्मशान केविकास कार्य पर कुल 36.86 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मणिकर्णिका घाट के विकास कार्य में 18 करोड़ रुपये खर्च होंगे। भूतल का कुल क्षेत्रफल 29.350 वर्ग फीट है। इसी प्रकार हरिश्चंद्र घाट केविकास पर 16.86 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह क्षेत्र 13,250 वर्ग फीट में होगा।

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