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आपके मकान की खाली छत आपको कुछ इस तरह बना सकती है करोड़पति

आपके मकान की खाली छत भी आपको मालामाल कर सकती है. छत पर सब्जियां उगाकर लाखों रुपये कमा सकते हैं. इसके लिए मिट्टी व न खाद की आवश्यकता होगी. महज पानी व कोकोपिट (नारियल) से होने वाली सब्जियों की खेती से छत पर वजन भी ज्यादा नहीं होता. सामान्य देखभाल से ही सब्जियों की फसल लहलहाने लगती है.

दयालबाग में कई मकानों की छतों पर ऐसा नजारा आम है. सब्जियों की यह खेती हाइड्रोपोनिक्स तकनीकि पर आधारित है. हिंदुस्तान में अभी शुरूआती दौर है. इस तकनीकि से सब्जियां उगाने के लिए जैविक या रासायनिक खाद की आवश्यकता नहीं होती है. खाली जमीन या छत के फर्श पर ग्रोइंग बैग्स में कोकोपिट भरकर उसमें बीज डालकर फसल बोई जाती ह

ड्रिप सिस्टम से पानी देकर सिंचाई की जाती है. व इससे ही स्वास्थ्यकर फसल तैयार हो जाती है. इस तकनीकि की खोज इजराइल में हुई थी. अमेरिका, चीन, जापान में इसका प्रसार बहुत ज्यादा तेजी से हुआ है. समूचे ब्रज क्षेत्र में छतें किराये पर लेकर सब्जियां उगाने वाले प्रशांत पचेरीवाला कहते हैं कि 100 गज के मकान की छत पर औसतन 800 वर्ग फीट का फर्श होता है. यहां 300 वर्ग फीट तक ग्रोइंग बैग लग सकते हैं. इसमें मीडिया, कोकोपीट, ड्रिप इरीगेशन सिस्टम, पानी की टंकी, मोटर लगाने पर करीब 60 हजार रुपये खर्चा आता है. मेहनत कम व देखरेख भी सरल है. इस सेटअप से सालभर के भीतर तैयार सब्जियां बेचकर 30 हजार रुपये की कमाई हो रही है.

सब्जियों का पौष्टिक व उम्दा स्वाद
हाइड्रोपोनिक्स तकनीकि से उगाई गई सब्जियों की भरपूर पौष्टिकता व उम्दा स्वाद के कारण मार्केट में मांग बहुत है. वहीं, इस तकनीकि से तकरीबन हर फसल निर्धारित वक्त से 25 प्रतिशत कम समय में तैयार हो जाती है. औसतन 50 प्रतिशत अधिक उत्पादन भी होता है. मूल्य भी 50 प्रतिशत तक अधिक मिल जाती है.

सरकार भी दे रही है 50% का अनुदान
पीएम नरेंद्र मोदी दो वर्ष पहले इजराइल गए थे. उसके बाद केन्द्र सरकार ने हाइड्रोपोनिक कल्टीवेशन को बढ़ावा देने की योजना प्रारम्भ की. इसके लिए एक एकड़ जमीन पर पॉली हाउस लगाने में 40 लाख रुपये का खर्चा आता है. केन्द्र सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देती है. इस पॉली हाउस में प्रतिवर्ष औसतन आठ लाख रुपये सरलता से कमाए जा सकते हैं.

कोठियों की छतों पर ये फसलें हैं तैयार
दयालबाग में कोठियों की छतों पर खीरा, टमाटर, बैगन, भिंडी, लौकी, तोरई, धनिया, गोभी, बंद गोभी, सरसों, मेथी, गाजर, सेम, मटर, शिमला मिर्च तैयार हैं. इनकी बुकिंग सब्जियों के टूटने से एक दिन पहले ऑन लाइन हो जाती है

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