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प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में जी-20 सम्बन्धी बैठक में सहभागी हुईं राज्यपाल, कहा-प्रतिनिधिमण्डल को मिलेंगी पर्याप्त सुविधाएं

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में जी-20 की तैयारी के संबंध में आहूत बैठक में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल आनलाइन शामिल हुईं। उन्होंने ने कहा कि 1 दिसम्बर 2022 से 30 नवम्बर 2023 तक प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश के 4 शहरों आगरा, वाराणसी, लखनऊ और ग्रेटर नोएडा में विभिन्न स्थलों पर 11 बैठकें आयोजित की गयी हैं, जो उत्तर प्रदेश के लिए अत्यन्त हर्ष का विषय है। बैठकों में शामिल होने वाले जी0-20 देशों के प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत राज्य सरकार से समन्वय स्थापित कर 13 फरवरी, 2023 का वेलकम डिनर/गाला डिनर लखनऊ राजभवन में किया जायेगा।

कुलाधिपति होने के नाते वाराणसी में आयोजित जी-20 देशों के प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत एवं अभिनंदन वाराणसी स्थित सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय तथा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी द्वारा किया जायेगा। प्रतिनिधियों को अपने शहरों का पता लगाने, अनौपचारिक तरीके से स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करने के लिए इन्हें हर तरह की सहूलियत प्रदान की जायेगी. सभी विश्वविद्यालयों द्वारा किये गये नवाचारों, स्टार्टअप, सूचना प्रौद्योगिकी, पेटेण्ट तथा अन्य गतिविधियों का प्रदर्शन प्रदर्शनियों तथा डिजिटल माध्यम से किया जायेगा। प्रदेश में मथुरा, कानपुर, मेरठ, अयोध्या में 4 ऐसे विश्वविद्यालय हैं जहां कृषि के साथ-साथ पशुपालन की भी शिक्षा दी जाती है। इन उत्पादों से जुड़े निवेशों के लिए योजना बनाई जाये।

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आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा क्षय रोग ग्रसित बच्चों को गोद लेकर उनको स्वस्थ्य बनाने का कार्य, कुपोषण दूर करने के लिए पोषण पोटली उपलब्ध कराने का कार्य तथा सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण जैसे कार्यों का भी प्रदर्शन किया जायेगा। हमारे सामान्य तथा 04 तकनीकी विश्वविद्यालयों से पारस्परिक सहयोग एवं आपसी साझेदारी, विद्यार्थियों के आदान-प्रदान, वर्चुअल शिक्षण, फैकल्टी के आदान-प्रदान, ई-कक्षाओं तथा विस्तार पटल के माध्यम से सह-शिक्षण के लिए एमओयू किये जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आर्ट और क्राफ्ट का सबसे बड़ा केन्द्र है।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यह राज्य भारत के प्रमुख सांस्कृतिक केन्द्रों का घर है। यहां पर आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट तथा महाभारत सर्किट बनाये गये हैं।

उन्होंने कहा कि भारत विश्व की आध्यात्मिक राजधानी है। विविध सर्किटों और उनसे जुड़ी कथाओं के माध्यम से वसुधैव कुटुम्बकम का विचार अच्छी तरह रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान छात्र समूह, कालेजों से, गाइड, स्वयंसेवकों के रूप में इस कार्य में बढ़चढ कर अपनी सहभागिता देंगे।स्थानीय संस्कृति और विरासत पर संक्षिप्त विवरण प्राप्त करने के लिए एवी, नोट्स आदि तैयार करने के लिए स्थानीय विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों, शिक्षकों तथा लेखकों का उपयोग किया जा सकता है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव राज्यपाल कल्पना अवस्थी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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