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ब्राजील के अमेजन जंगलों में लगी आग का प्रभाव दो हजार किलोमीटर तक देखने को मिला

दुनिया का खूबसूरत देश ब्राजील में अमेजन के जंगलों में लगी आग का प्रभाव दो हजार किलोमीटर दूर स्थित ग्लेशियरों पर भी पड़ रहा है। एक नए अध्ययन में दक्षिण अमेरिका की एंडीज पर्वतमाला में भी इसका असर देखा गया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक इसके कारण यहां ग्लेशियर तेजी से पिघलने लगे हैं। साइंटिफिक रिपोर्टस नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि जंगलों में आगजनी से बायोमास जलने से बने एयरोसोल्स (ब्लैक कार्बन) को हवा अपने साथ एंडियन ग्लेशियरों तक ले जा रही है।

अपने बयान में शोधकर्ताओं ने कहा, ‘ये एयरोसोल्स बर्फ पर जमा होते हैं व ग्लेशियरों के पिघलने की दर बढ़ा देते हैं। बर्फ की चादर पर ब्लैक कार्बन के कण गिरने से ग्लेशियरों चमक भी फीकी हो जाती है। इसे अल्बिडो रिड्यूशन बोला जाता है। ’ब्राजील के रियो डी जेनेरियो स्टेट यूनिवर्सिटी के न्यूटन डी मैगलस नेटो व उनके सहयोगियों ने बोलिवियाई जोंगो ग्लेशियर पर अमेजन बेसिन के बायोमास के संभावित असर का एक मॉडल तैयार किया। इसके लिए उन्होंने साल 2000 से 2016 तक आग लगने की घटनाओं, धुएं, वर्षा व ग्लेशियर के पिघलने की गति का अध्ययन कर जुटाए गए आंकड़ों का प्रयोग किया।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस दौरान शोधकर्ताओं ने वर्ष 2007 व 2010 के आंकड़ों का खास ध्यान रखा क्योंकि इस बीच अमेजन के बेसिन में आगजनी की सर्वाधिक घटनाएं हुई थीं। शोधकर्ताओं ने ब्लैक कार्बन के कारण ‘स्नो एल्बिडो रिड्यूशन’ की भी जाँच की। इससे पहले तक बर्फ की चमक फीकी होने का कारण धूल के कणों को माना जाता था। उनके मॉडल से पता चला कि अकेले ब्लैक कार्बन व धूल के कारण सालाना ग्लेशियर के पिघलने की दर में तीन-चार प्रतिशत की बढ़ोतरी की आसार है व यदि इन दोनों कारकों का प्रभाव एकसाथ होता है तो बर्फ पिघलने की दर छह फीसद तक बढ़ जाती है।

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