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राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने एक दिवसीय प्रशिक्षण वर्कशाप का किया शुभारम्भ

• विभाग की योजनाओं को अपनाने के साथ-साथ तथा उपज को राष्ट्रीय कृषि बाजार के माध्यम से विपणन किया जाय

• प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध, बागवानी विकास कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए प्रयासरत

• शहद प्रोसेसिंग यूनिट, राइपनिंग चैम्बर, पैक हाऊस, हल्दी प्रसंस्करण इकाई की स्थापना हेतु किए जाएं प्रयास

लखनऊ। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने उद्यान निदेशालय के सभागार में अर्थव्यवस्था को सुदृढ करने एवं कृषकों की आय को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश के कृषक उत्पादक संगठनों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण वर्कशाप का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि विभाग की योजनाओं को अपनाने तथा उपज को राष्ट्रीय कृषि बाजार के माध्यम से विपणन करने पर विशेष जोर दिया। साथ ही कृषक उत्पादक संगठनों को आह्वान किया कि किसी भी नई व्यवस्था में कठिनाई होती है इसलिए राष्ट्रीय कृषि बाजार से घबराने की नहीं बल्कि अपनाने की आवश्यकता है।

प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा बागवानी विकास कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। उद्यान मंत्री ने कृषकों के हित में निर्णय लेते हुए विभागीय कार्यक्रमों में कृषक उत्पादक संगठनों का सहयोग प्राप्त किये जाने और यथासंभव उनके द्वारा उत्पादित रोपड़ सामग्री/बीज की उपयोगिता औद्यानिक योजनाओं में किये जाने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अन्तर्गत लघु उद्योगों की स्थापना पर जोर देते हुए अनुदान प्राप्त कर शहद प्रोसेसिंग यूनिट, राइपनिंग चैम्बर, पैक हाऊस, हल्दी प्रसंस्करण इकाई की स्थापना हेतु सुझाव दिया।

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उद्यान मंत्री ने कृषक उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए सुझाव दिया कि कृषि एक ऐसा व्यवसाय है जहां इनपुट रिटेल में अधिक कीमत पर लिया जाता है और उपज थोक मूल्य में बेंची जाती है। जबकि अन्य सभी व्यवसाय में कच्चा माल थोक मूल्य पर लिया जाता है और उत्पाद रिटेल में अधिक कीमत पर बेंचा जाता है। जिससे कृषक उत्पादक संगठनों का दायित्व बनता है कि वह अपने सदस्यों को इनपुट थोक मूल्य पर उपलब्ध करायें और उनकी उपज को अधिक मूल्य पर बिक्री करें। इसी से किसानों की आय में वृद्धि होगी। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, द्वारा फसलों के मूल्य संवर्धन पर बल दिया गया।

उन्होंने कहा कि निदेशक द्वारा बताई गई योजनाओं का लाभ उठाकर कैपिटल सब्सिडी एवं एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड के अन्तर्गत ब्याज उपादान की सुविधा प्राप्त करें। साथ ही गठित औद्यानिक कृषक उत्पादक संगठनों का संकलन किये जाने का निर्देश दिया ताकि विभागीय कार्यक्रमों के साथ उनका सम्बद्धीकरण कर उत्पाद विशेष के प्रोत्साहन हेतु उनका उपयोग किया जा सके। मनिन्दर कौर द्विवेदी, प्रबन्ध निदेशक, लघु कृषक कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम तथा अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक, राष्ट्रीय बीज निगम, भारत सरकार द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय बीज निगम तथा लघु कृषक कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम की भूमिका के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया।

राष्ट्रीय बीज निगम तथा लघु कृषक कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम लगातार कृषक उत्पादक संगठनों के सुदृढ़ीकरण हेतु प्रयासरत है। कृषक उत्पादक संगठनों को राष्ट्रीय बीज विकास निगम द्वारा किसानों के लिए उच्च गुणवत्ता के बीज कम मूल्य पर उपलब्ध कराने हेतु निगम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपर निदेशक, राष्ट्रीय कृषि बाजार महाप्रबन्धक, राष्ट्रीय बीज निगम सहायक महाप्रबंधक, नाबार्डय उपनिदेशक, लघु कृषक कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम निदेशक, आर-फ्रैक एवं विभिन्न कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा उनके विकास हेतु विस्तृत जानकारी साझा की गई।

आशीष पटेल, वाम एग्रो फार्मर्स प्रोड्यूसर कं.लि., हाथरस द्वारा गुजरात में स्थापित एफपीओ की सफलता के अनुभव से अवगत कराया। रामकुमार जुरैल, दयाशंकर सिंह, तथा राजेन्द्र प्रसाद पचैरी द्वारा संचालित किये जा रहे एफपीओ को अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपने सुझावों से अवगत कराया। अपूर्व सिंह, सलाहकार द्वारा एफपीओ को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए महत्वपूर्ण बिन्दुओं के बारे में अवगत कराया गया। डा आरके तोमर, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

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