लखनऊ। समाजवादी आन्दोलन के अद्वितीय योद्धा लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयन्ती और कैप्टन अब्बास अली की पुण्यतिथि पर गांधी भवन, बाराबंकी में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कहा कि जेपी और अब्बास अली के संघर्षों ने समाजवादी आन्दोलन को गति प्रदान की। उनके वैचारिक संघर्षों से युवाओं को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। यह दोनों विभूतियां आज भी युवाओं में चेतना पैदा करने का काम कर रही है।
श्री शर्मा ने कहा कि जेपी और अब्बास अली समाजवादी विचारधारा के धुरी थे। वह समाज में दलितों, पिछड़ों और निर्बल वर्ग की आवाज़ थे। जिनका जीवन सदैव संघर्षो में बीता। हमें उनके दिखाये आदर्शों पर चलते हुये एक ऐसे समाजवादी समाज की संरचना करनी है जिसमें किसी प्रकार का कोई भी भेदभाव न हो। मेरी जेपी से पहली मुलाकात 03 अक्टूबर 1967 को हुई। इसके बाद मुझे 14 अक्टूबर तक निरंतर उनका सानिध्य प्राप्त रहा।
कार्यक्रम का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से मृत्युंजय शर्मा, विनय कुमार सिंह, नीरज दूबे, सत्यवान वर्मा, मनीष सिंह, मो. अदीब इकबाल, अनिल यादव, वरूण सिंह चौहान, रूपेश कुमार, राममनोहर सहित कई लोगों ने जयप्रकाश नारायण और कैप्टन अब्बास अली के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।