नई दल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री एवं गैंग रेप के आरोपी गायत्री प्रसाद की गिरफ्तारी से बचने की आखिरी उम्मीद भी समाप्त हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि कानून के मुताबिक जांच होनी चाहिए,और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
ज्ञातव्य हो कि गायत्री प्रसाद प्रजापति उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री हैं और गैंगरेप का केस दर्ज होने के बाद से फरार हैं। गायत्री की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी भी गायब बताया जा रहा है।उनकी तलाश में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी के बाद भी पुलिस को अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने गायत्री के खिलाफ आरोपों में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (पीसी एक्ट) की धारा सात को बढ़ाने की भी मांग की है। नूतन के अनुसार एफआईआर में गायत्री के खिलाफ बालू खनन के पट्टे का लालच देकर रेप करने का आरोप है। इसके लिए नूतन ने डीजीपी जावीद अहमद व अन्य संबंधित अफसरों को ई-मेल भेज कर धारा सात को बढ़ाने की मांग की है।
इस मामले में डीजीपी जावीद अहमद ने बताया कि गायत्री भागा हुआ है इसलिए उसे भगौड़ा ही कहा जाएगा। उसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। उन्होंने बताया कि न सिर्फ लखनऊ पुलिस बल्कि अमेठी पुलिस और एसटीएफ भी गायत्री की तलाश कर रही है जल्द वह नहीं मिलता तो पुलिस कुर्की की कार्रवाई भी करेगी।