वेस्टर्न रेलवे (WR) का दावा है कि उसने अपने नेटवर्क के 75 स्टेशनों पर सोलर पॉवर लगाकर करीब 3 करोड़ रुपये के बिजली बिल की बचत की है। वेस्टर्न रेलवे के प्रमुख प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने बताया कि रूफटॉप सोलर प्लांट 8.67 मेगावाट का पावर जेनरेट करते हैं, जिससे मौजूदा वित्तीय वर्ष में अच्छी-खासी बचत हुई है।
इसके इलावा इससे 2030 से पहले ‘नेट जीरो कार्बन एमिसन रेलवे’ के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद पहुंचा रहा है। सोलर प्लांट्स मुंबई के 22 स्टेशनों, रतलाम में 34 स्टेशनों, राजकोट में आठ स्टेशनों, वड़ोडरा में छह स्टेशनों में लगाए गए हैं। इसके अलावा इसे अहमदाबाद और भावनगर में भी लगाया गया है। मुंबई संभाग में, रूफटॉप पावर प्लांट चर्चगेट, मुंबई सेंट्रल टर्मिनस, दादर टर्मिनस, बांद्रा टर्मिनस और ठाणे व पालघर जैसे स्टेशनों में लगाए गए हैं।
सुमित ठाकुर ने कहा कि 2030 तक, भारतीय रेलवे 33 अरब यूनिट्स के लिए सभी ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के मद्देनजर सोलर पावर का उत्पादन करने के लिए तैयार है। इसे प्राप्त करने के लिए, भारतीय रेलवे ने 51,000 हेक्टेयर के अपने खाली और गैर-अतिक्रमित भूमि पर 2030 तक 20 गीगावाट के सोलर प्लांट्स को इंस्टाल करने की योजना बनाई है। इसी तरह भारतीय रेलवे पीएम मोदी की अपील पर ‘ग्रीन मोड ऑफ ट्रांसपोर्टेशन’ के लक्ष्य को सुनिश्चित करने के लिए 2023 तक अपने सभी लाईनों का 100 फिसदी विद्युतीकरण करने की उम्मीद करता है।