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ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखेंगी खानपान की ये आदतें, जरूर करें इन्हें फॉलो

ब्लड शुगर लेवल खून में ग्लूकोज की मात्रा को संदर्भित करता है. ग्लूकोज एक प्रकार का चीनी है, जो शरीर के टिशू के लिए ऊर्जा का मुख्य सोर्स है. हाई शुगर लेवल का लेवल तब होता है, जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या इंसुलिन को ठीक से उपयोग नहीं करता है.

इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर को ग्लूकोज को टिशू में ले जाने में मदद करता है.

ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए अपनी डाइट पर जरूर ध्यान देना चाहिए. फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन का सेवन से शरीर को अच्छी मात्रा में फाइबर मिलता है. ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके अलावा, खानपान की आदतें भी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में अहम मदद कर सकता है. चलिए जानते हैं कैसे?

खानपान की स्वस्थ आदतें
– खाने का एक निश्चित समय तय करें. इससे ब्लड शुगर एक जैसा रहने की संभावना बढ़ती है. इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता में सुधार होता है। इससे दिनचर्या भी नियमित होती है.
– जहां तक संभव हो शाम में 6 से 7.30 बजे के बीच रात का भोजन कर लें. इससे भोजन को पचने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है और रात में नॉक्टर्नल हाइपोग्लाइसिमिया (कम ब्लड शुगर) या हाइपरग्लाइसिमिया (हाई ब्लड शुगर) का खतरा कम हो जाता है.
– रात्रि भोजन सुपाच्य व हल्का हो. फाइबर युक्त चीजें व सब्जियां अधिक खाएं. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स न खाएं. इससे ऊर्जा भी मिलती है और शरीर में शुगर जाने की दर घटती है
– रात के खाने के बाद समय-समय पर ब्लड शुगर लेवल जांचते रहें. इससे पता चलता है किन पदार्थों को खाने पर क्या असर हो रहा है.

ये गलती न करें
– सोने से एकदम पहले या रात को देर से खाने से शरीर की प्राकृतिक लय बिगड़ सकती है, जिससे ब्लड शुगर पर बुरा असर पड़ता है. रात में मेटाबॉलिज्म धीरे हो जाता है और ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है.
– रात में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स न लें
– तनावपूर्ण माहौल व हड़बड़ी में खाने से शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन्स सक्रिय हो सकते हैं, जिसका पाचन पर बुरा असर पड़ता है.

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