चुनावी राज्य कर्नाटक में सियासी पार्टियां एंड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं। सूबे में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त में रेवड़ियां, डिनर सेट, प्रेशर कुकर, डिजिटल घड़ियां गिफ्ट दी जा रही हैं। कुछ नेताओं को अपने मतदाताओं की तीर्थयात्रा का खर्च उठाते हुए देखा जा रहा है
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आंध्र प्रदेश का तिरुपति, कर्नाटक का मंजूनाथ स्वामी मंदिर और महाराष्ट्र का शिरडी मतदाताओं के पसंदीदा तीर्थस्थलों में शामिल है। जहां का खर्च उठाने के लिए उम्मीदवारों ने वादा किया है।
हाल में बगलकोट जिले में एक प्रमुख नेता की तस्वीर वाली डिजिटल घड़ियों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। एक निवासी ने बताया कि बेंगलुरु निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को डिनर सेट बांटे गए हैं।
एक महिला ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया, ”मुझे दोपहर को एक कॉल आया और डिनर सेट ले जाने के लिए कहा गया। शुरुआत में मैंने सोचा कि यह कोई मजाक है, लेकिन जब मैं वहां गई तो पाया कि वे सच में डिनर सेट बांट रहे थे।”
इन घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार मीना ने कहा कि आदर्श आचार संहिता उस दिन से लागू होती है, जब चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाती है, लेकिन चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले इस तरह की प्रथाओं पर अंकुश लगाने के तरीके भी मौजूद हैं।
उन्होंने कहा, ”आदर्श आचार संहिता चुनाव की तारीखें घोषित होने के बाद से प्रभावी होती है। तब तक हम विचार कर रहे हैं कि हाल में मीडिया में आई खबरों के संदर्भ में हम क्या कर सकते हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि राजनीतिक दल और निर्वाचित प्रतिनिधि वोट हासिल करने के लिए विभिन्न लोक-लुभावन गतिविधियों में लिप्त हैं।”
मीना ने कहा कि उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार दोनों की सभी प्रवर्तन एजेंसियों की बैठक बुलाई थी और उन्हें मौजूदा नियमों के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। शहर के एक अन्य क्षेत्र में एक पूर्व मंत्री ने कथित तौर पर मतदाताओं के एक वर्ग के जीवन बीमा प्रीमियम का भुगतान किया। बेंगलुरु में हाल में ट्रक पर लदे प्रेशर कूकर और घरेलू बर्तन भी जब्त किए गए थे।