नए मोटर वाहन अधिनियम (New Motor Vehicles Act) के तहत यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने के मुद्दे में शहर के लोगों व पुलिस (Police) के बीच हुई झड़प में कई लोग घायल हो गए। राज महल चौक पर यह घटना घटी जब यात्रियों ने ऑन ड्यूटी ट्रैफिक पुलिसवालों को घेर लिया व जुर्माना व सूलने का विरोध किया। जब ट्रैफिक पुलिस ने उनसे अपने वाहनों के दस्तावेज दिखाने को लिए कहा, तो उनमें से कई ने ट्रैफिक अधिकारियों से पुलिस वाहन के कागजात मांगने प्रारम्भ कर दिए। भीड़ ने कथित तौर पर पुलिस वाहन से दो शराब की बोतलें बरामद की। हालांकि एक वरिष्ठ पुलिस ऑफिसर ने दावा किया कि शुक्रवार को तलाशी के दौरान इन्हें जब्त कर वाहन में रखा गाया था।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
ऑफिसर ने बोला कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज करना पड़ा। साथ ही ऑफिसर ने बताया भीड़ की पत्थरबाजी में ट्रैफिक पुलिस के कई जवान घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि सरकारी वाहनों को दस्तावेजों की जाँच के लिए रोका नहीं गया। प्रदर्शन कर रही एक महिला का सवाल था, “दो कानून क्यों हैं, एक पुलिस वाहनों के लिए व दूसरा आम जनता के लिए?” इस महिला को ड्राइविंग करते समय सीट बेल्ट न पहनने के लिए जुर्माना देने के लिए बोला गया था।
भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त सुधांशु सारंगी ने बताया
भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त सुधांशु सारंगी ने बताया, “स्थिति अब नियंत्रण में है। एक शराबी ऑटो-रिक्शा चालक को बुधवार को 47,500 रुपये के साथ दंडित किया गया व ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन पर बोलने के लिए दो व्यक्तियों से 5,000 रुपये एकत्र किए गए। इसके अतिरिक्त किसी से भी 1,000 रुपये से ज्यादा का जुर्माना नहीं लगाया गया है। ” उन्होंने यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों को दंडित करने के नाम पर पुलिस के द्वारा उत्पीड़न के आरोपों से मना किया है। आगे उन्होंने कहा, “ये महसूस करने के बाद कि कई लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस या प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण लेटर नहीं है, हमने इन दस्तावेजों को बनवाने के लिए एक महीने का समय दिया है। किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जा रहा है। ”
लोगों को 30 दिनों का समय दिया गया है
प्रदेश सरकार ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने के सार्वजनिक विरोध के बाद वायु व ध्वनि प्रदूषण के लिए शुक्रवार से 30 दिनों की अवधि के लिए नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत दंड मानदंड में ढील देने का निर्णय किया है। सरकार ने 31 जुलाई को संसद ने मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया था, जिसमें सड़क सुरक्षा में सुधार के कोशिश में उल्लंघन के लिए सख्त व भारी दंड के प्रावधान थे। विधेयक को 9 अगस्त को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली व यह 1 सितंबर से सारे देश में लागू है।