नागपुर में एक प्रोग्राम के दौरान बोलते हुए, गडकरी ने नए कानून के तहत उच्च दंड की आलोचना का बचाव करते हुए बोला कि जो लोग कानून तोड़ रहे थे, वे जुर्माना भर रहे थे. यदि कोई कानून नहीं तोड़ता है, तो उसे जुर्माना भरने की जरूरत क्यों होगी?
उन्होंने बोला कि हम रेड रोशनी के नियम को तोड़ रहे हैं. दुर्घटनाएं हर रोज हो रही हैं, लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. अगर लोगों को कानून का भय होगा, तो ही वे नियमों का पालन करेंगे. गडकरी ने मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 के तहत उच्च दंड प्रावधानों का हवाला देते हुए बोला कि लोगों के लिए क्या जरूरी हैं, ज़िंदगी या धन.
इससे पहले, उन्होंने बोला कि लोग सड़क सुरक्षा नियमों को गंभीरता से नहीं लेते थे व थोड़ी बहुत राशि का भुगतान करके निकल जाते थे. जब तक कड़े नियम नहीं बनाए जाते, यह रवैया नहीं रुकेगा. नए नियम के आने के बाद से अब लोग लाइसेंस, बीमा के लिए आवेदन कर रहे हैं व हेलमेट खरीद रहे हैं. इससे हजारों लोगों की जिंदगी बच जाएगी.
प्रोग्राम के दौरान, गडकरी ने उनके ज़िंदगी के विभिन्न पहलुओं, उनके बचपन, परिवार, राजनीति, देश के लिए उनके दृष्टिकोण पर भी बात की, साथ ही उन्होंने अपने सामाजिक व इनोवेटिव प्रोजेक्ट पर विचार साझा किए.
उन्होंने बोला कि लोग अक्सर उनके इनोवेटिव आइडिया का मजाक उड़ाते हैं. एक उदाहरण का हवाला देते हुए, उन्होंने बोला कि एक बार उन्होंने प्लास्टिक की थैलियों में मूत्र एकत्र करने के बारे में बोला था, जो कि अगर बड़े पैमाने पर किया जाता है, तो देश पर यूरिया आयात का वजन कम होने कि सम्भावना है.
गडकरी ने गोबर व मानव मल से निकलने वाले चीजों पर शोध कर रहे एक आदमी के साथ अपनी मुलाकात के बारे में भी बात की. उन्होंने उस आदमी का नाम नहीं बताया. उन्होंने बोला कि आज बहुत सारे परिवर्तन हो रहे हैं व मुझे लगता है कि शोध पर अधिक जोर देना चाहिए क्योंकि शोध से ऐसी चीजें निकलती हैं.